केंद्र सरकार के सातवें वेतन आयोग की वेतन बढ़ोतरी की घोषणा को कांग्रेस ने ‘एकतरफा और अपर्याप्त’ बताया है. कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि पिछले सात दशकों में ‘यह सबसे कम वेतन वृद्धि’ है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार के 98 लाख कर्मचारी वेतन और भत्तों में नाकाफी वृद्धि से निराश महसूस कर रहे हैं. यह ऐसे समय पर किया गया है जब महंगाई चरम पर है और दामों में हर तरफ से इजाफा हो रहा है.
छठे वेतन आयोग ने वेतन और भत्तों में 20 फीसदी बढ़ोतरी की सिफारिश की थी, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उसे बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया था. सातवें वेतन आयोग ने 14.29 फीसदी वेतन बढ़ाने की सिफारिश की है और मोदी सरकार ने महज 15 फीसदी बढ़ाया है.कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला
वेतन बढ़ोतरी का दावा गलत
उन्होंने कहा कि सबसे कम और सबसे ज्यादा वेतन पाने वालों के बीच खाई बढ़ी है. न्यूनतम और अधिकतम वेतन वृद्धि का अनुपात बढ़ गया है.
उदाहरण के तौर पर सबसे अधिक वेतन वृद्धि 90 हजार से 2.50 लाख की गई है, लेकिन न्यूनतम वेतन को सात हजार से बढ़ाकर केवल 18 हजार रुपये किया गया है. यह अनुपात 1:14 जबकि पहले यह 1:12 का था. स्वाभाविक है कि कम वेतन पाने वाले कर्मचारी को सबसे अधिक तकलीफ होती है.कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला
उन्होंने दावा किया कि मूल वेतन पर वेतन और भत्तों की यह बढ़ोतरी महज 15 फीसदी है न कि 23.5 फीसदी जैसा कि सरकार गलत ढंग से दावा कर रही है.
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