- क्रिमिनल केस: बिहार में चुने गए 243 विधायकों में से 143 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं
- मर्डर: 96 विधायकों पर हत्या, अपहरण सहित कई गंभीर मामले दर्ज हैं
- अपहरण: नौ विधायकों पर अपहरण एवं 13 पर जबरन वसूली करने के आरोप हैं
बिहार में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में चुने गए आधे से ज्यादा विधायक दागदार छवि के हैं.
चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल ने 80 सीटें जीती हैं और इसी पार्टी में सबसे ज्यादा दागी विधायक है. आरजेडी के चुने गए विधायकों में से 49 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
दागी विधायकों वाली दूसरी सबसे बड़ी पार्टी नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड है, जो महागठबंधन में आरजेडी की प्रमुख भागीदार है.
चुनाव सुधार पर काम कर रही संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के आंकड़ों के अनुसार 243 सीटों वाली विधानसभा के लिए 3450 उम्मीदवारों की तरफ से दायर किए गए हलफनामों के विश्लेषण से पता चला है कि 1038 (30 फीसदी) उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं.
कम से कम 769 ( 23 फीसदी ) उम्मीदवारों ने हत्या, हत्या के प्रयास, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार सहित कई अन्य आपराधिक मामलों के ब्यौरे अपने हलफनामों में दर्ज किए हैं.
किस पार्टी से कितने दागी उम्मीदवार जीते
दागियों को टिकट देने में भारतीय जनता पार्टी भी पीछे नहीं हैं.
बीजेपी की तरफ से चुनावी मैदान में उतरे 157 उम्मीदवारों में से कम से कम 95 यानी 61 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
वहीं जनता दल ( यू ) के 101 उम्मीदवारों में से 58 यानी 57 फीसदी उम्मीवारों ने खुद पर लगे आपराधिक मामलों के बारे में अपने हलफनामों में स्वीकारा है.
उधर लालू प्रसाद यादव की आरजेडी के 101 उम्मीदवारों में से कम से कम 61, मतलब 60 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं.
कांग्रेस के भी 41 उम्मीदवारों में से 23 दागी हैं.
किसके खिलाफ सर्वाधिक गंभीर मामले दर्ज और उनकी जीत का आंकड़ा
हत्या एवं हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आपराधिक आरोप सबसे अधिक आरजेडी के विधायकों के खिलाफ दर्ज है. आरजेडी में ऐसे विधायकों की संख्या 31 है.
इस संबंध में जनता दल ( यू ) भी अधिक पीछे नहीं है. जनता दल ( यू ) में 24 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप दर्ज हैं.
करोड़पति विधायक
भाजपा के 157 उम्मीदवारों में से कम से कम 105, जनता दल ( यू ) के 101 उम्मीदवारों में से 76, आरजेडी के 101 उम्मीदवारों में से 66, कांग्रेस के 41 उम्मीदवारों में से 25 और स्वतंत्र रुप से चुनाव लड़ने वाले 1,150 उम्मीदवारों में से 229 उम्मीदवारों ने 1 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति की घोषणा की है.
इन आकड़ों को देखने के बाद ये ताज्जुब नहीं होता कि देश के सबसे पिछड़े राज्यों में से एक, बिहार के विधानसभा चुनाव उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.44 करोड़ रुपए हैं.
इन पार्टियों के उम्मीदवार सबसे रईस
यहां पहले पायदान पर कांग्रेस है, जिसके 41 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.90 करोड़ रुपए है.
दूसरे नंबर पर आरजेडी, जिसके 101 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.25 करोड़ रुपए है.
तीसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी है जिसके 157 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.74 रुपए है.
चौथे नंबर पर जनता दल यूनाइटेड है, जिसके 101 उम्मीदवारों की संपत्ति 2.7 करोड़ रुपए है.
निर्दलीय उम्मीदवार की औसत संपत्ति सबसे कम, 1.83 करोड़ रुपए है.
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