दिल्ली में चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा को अयोग्य घोषित कर दिया गया है. अलका लांबा हाल ही में आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गई थीं. इसके बाद ही आम आदमी पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष से अलका लांबा को अयोग्य ठहराए जाने की मांग की थी.
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बाद लांबा ने ट्वीट करके केजरीवाल सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई. लांबा ने कहा कि वे दिल्ली की धोखेबाज केजरीवाल सरकार को झुकाकर ही दम लेंगी.
अलका लांबा ने कहा, "अब जनता के हक और अधिकारों की लड़ाई कुछ महीनों के लिए सदन से ना सही सड़कों से ही लड़ी जाएगी. महिला सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कमरे, बुजुर्गों की रुकी पेंशन, गरीबों का बंद कर दिया गया राशन, ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी."
आम आदमी पार्टी के साथ मेरा सफर आज यहीं खत्म हुआ. धन्यवाद करती हूं AAP के उन सभी कार्यकर्ताओं का जिनके सहयोग से मैं पार्टी के भीतर खत्म होते लोकतंत्र और एक आदमी की तानाशाही के खिलाफ लड़ सकी. आगे की लड़ाई अब जनता के बीच रहकर लड़ी और जीती जाएगी. सत्ता का घमंड अब ज्यादा दिन तक नहीं रहेगा.अलका लांबा, नेता
अलका लांबा ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की थी, जिसके बाद 'आप' विधायक सौरभ भारद्वाज ने विधानसभा अध्यक्ष से लांबा को अयोग्य घोषित करने की अपील की थी. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने फैसला लेते हुए अलका लांबा को अयोग्य घोषित कर दिया.
6 सितंबर को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद अलका लांबा ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी.
‘आप’ से पहले कांग्रेस में ही थीं अलका
अलका लांबा आम आदमी पार्टी में जाने से पहले कांग्रेस में ही थीं. कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई से करियर शुरू करने वालीं अलका ‘आप’ में शामिल होने से पहले कांग्रेस की महिला विंग की नेता थी. इसी साल अगस्त में अलका ने कहा था कि वो दिल्ली में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगी.
हालांकि, बाद में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने या कांग्रेस पार्टी में शामिल होने को लेकर अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता से राय-मशविरा किया और आखिर में कांग्रेस में शामिल हो गईं.
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