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दिल्ली में प्रति यूनिट बिजली की औसत लागत सबसे अधिक- अजय माकन

इससे पहले, Congress की दिल्ली इकाई ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की कीमतें देश में सबसे ज्यादा हैं

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस (Congress) महासचिव अजय माकन (Ajay Maken) ने कहा कि दिल्ली में रहने वाले उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट बिजली की औसत लागत सबसे अधिक है.

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इससे पहले 11 जुलाई को कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जवाब देते हुए कहा था कि राजधानी दिल्ली के उपभोक्ता पूरे देश में सबसे अधिक बिजली दर चुकाते है.

यह प्रतिक्रिया तब आई थी जब केजरीवाल ने सवाल किया था कि उत्तराखंड में बिजली इतनी महंगी क्यों है जबकि उत्तराखंड खुद बिजली पैदा करता है और इसे दूसरे राज्य को बेचता है.

'स्टेट पावर यूटिलिटीज' की रिपोर्ट क्या कहती है?

द क्विंट से बात करते हुए अजय माकन ने पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन कि वर्ष 2018-19 के लिए 'परफॉर्मेंस ऑफ स्टेट पावर यूटिलिटीज' की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि दिल्ली में प्रति यूनिट बिजली की औसत लागत 6.90 ₹ प्रति किलोवाट आवर (kWh) के साथ सबसे महंगी है.

उन्होंने कहा कि पंजाब में यह 4.66₹/kWh, महाराष्ट्र में 5.63 ₹/kWh और राजस्थान में 5.01₹/kWh है. इसमें टैरिफ सब्सिडी,UDAY ग्रांट या अन्य सरकारी अनुदान शामिल नहीं हैं, इसलिए यह कंज्यूमर्स के लिए उस राज्य में बिजली के एक औसत यूनिट के लिए वास्तविक और डायरेक्ट लागत है.

एकत्र किए गए वास्तविक रेवेन्यू की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह टैरिफ निर्धारण और 'टेक्निकल एंड कमर्शियल नुकसान' (AT&C) की कुल गणना में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. माकन ने कहा,

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"एनुअल रिवेन्यू रिक्वायर्ड' के आधार पर ही कोई पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी रेगुलेटरी कमीशन के समक्ष अपनी याचिका प्रस्तुत करती है. इसी आधार पर टैरिफ निर्धारित किया जाता है. इसके अलावा संशोधित परिभाषा के 2 सबसे महत्वपूर्ण घटक है- 2 जून 2017 को CEA द्वारा नोटिफाइड 'राजस्व बिल' और 'राजस्व एकत्र'. इस प्रकार टैरिफ एक तरह से कई छिपे शुल्कों का एक मुखौटा है जबकि 'प्रति यूनिट राजस्व' वास्तविकता है,जिसका उपभोक्ता सीधे अपने जेब से भुगतान करता है"
अजय माकन

इसके अलावा 2001-03 तक दिल्ली सरकार में परिवहन और बिजली के कैबिनेट मंत्री रहे माकन ने 2017-18 के औसत प्रति यूनिट टैरिफ सब्सिडी के डेटा की ओर भी इशारा किया. दिल्ली में 2017-18 में यह 0.56₹/kWh जबकि पंजाब में 1.75₹/kWh था. 2018-19 में यही डेटा दिल्ली के लिए 0.54 ₹/kWh और पंजाब के लिए 1.82 ₹/kWh का रहा.

अगले साल की शुरुआत में पंजाब विधानसभा चुनाव के पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 29 जून को पंजाब राज्य के लिए कई वादों की घोषणा की थी. इसमें उन्होंने कहा कि 'आप' के सत्ता में आने पर प्रत्येक घर को प्रतिमाह 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी.

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