राजधानी दिल्ली में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के मतदाताओं का मानना है कि इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा विकास और आर्थिक स्थिति का होना वाला है. यह बात आईएएनएस-सीवोटर सर्वे में सामने आई है. सर्वे में शामिल 58.1 फीसदी लोगों का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनावों में सबसे जरूरी मुद्दा विकास को लेकर होगा.
सर्वे में देखा गया कि 28 फीसदी लोगों ने उन आर्थिक मुद्दों को तवज्जो दी, जिनका सामना देश फिलहाल कर रहा है. वहीं 8.1 फीसदी लोगों ने सुरक्षा मुद्दों और 5.8 फीसदी लोगों ने अन्य मुद्दों के लिए अपनी सहमति जताई.
विकास के लिए जिम्मेदार कौन?
सर्वे में एक और सवाल पूछा गया कि विकास और अन्य मुद्दों के लिए कौन जिम्मेदार हैं? इस पर 16.1 फीसदी लोगों ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया. वहीं 11.9 फीसदी लोगों ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया. इसके अलावा कुल 10 फीसदी लोगों का मानना है कि विकास और अन्य मुद्दों के लिए स्थानीय विधायक ही जिम्मेदार हैं, जबकि 7.8 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. इस बीच महज 3.9 फीसदी लोगों ने विकास और अन्य मुद्दों के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया, जबकि केवल 0.6 फीसदी लोगों ने इसके लिए स्थानीय सांसद को जिम्मेदार ठहराया.
दिल्ली के शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए सर्वे के लिए कुल 2,326 लोगों से बातचीत की गई. बता दें कि आईएनएस-सी वोटर ने एक ऐसा ही सर्वे कुछ हफ्ते पहले भी किया था. जिसमें भी लगभग ऐसे ही आंकड़े देखने को मिले थे.
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