हमारा एजेंडा है कि भ्रष्टाचार बंद हो, कालाधन बंद हो लेकिन उनका एजेंडा है संसद बंद हो - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीनरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
19 दिसंबर की कानपुर रैली में विपक्षियों पर ये हमला बोलते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंदाजा नहीं होगा कि अपने भी परायों के सुर में सुर मिलाने लगेंगे. नोटबंदी पर लगातार बदलते नियम-कायदों के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने वालों में नया नाम है भारतीय जनता पार्टी के ही राज्यसभा सांसद और विचारक स्वपनदास गुप्ता का.
स्वपनदास गुप्ता का ट्विटर बम
19 दिसंबर को एक नए नियम का एलान करते हुए सरकार ने कहा कि अगर किसी को पांच हजार से ज्यादा के पुराने नोट जमा करवाने हैं तो उसे 30 दिसंबर तक सिर्फ एक ही मौका मिलेगा। पूर्व पत्रकार गुप्ता ने 20 दिसंबर को ट्विटर बम फोड़ते हुए लिखा-
बीजेपी ने झाड़ा पल्ला
स्वपनदास गुप्ता और बीजेपी के पुराने रिश्तों के मद्देनजर ये एक गंभीर आरोप है. सरकार और पार्टी को इसकी उम्मीद कतई नहीं रही होगी. तभी तो पार्टी ने गुप्ता के ट्वीट से फौरन पल्ला झाड़ लिया. क्विंट हिंदी से बात करते हुए बीजेपी प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा-
रामदेव भी दिखा चुके नाराजगी
लेकिन पार्टी के इस आधिकारिक बयान से बात खत्म होने वाली नहीं है. हर मसले पर बीजेपी और पीएम मोदी का खुला समर्थन करने वाले योगगुरु बाबा रामदेव ने भी हाल ही में नोटबंदी के खिलाफ आवाज उठाई थी. क्विंट हिंदी से एक्सक्लूसिव बातचीत में बीजेपी से रिश्तों को इतिहास बताते हुए बाबा ने कहा था-
आरबीआई समेत कुछ बैंक स्टाफ ने मिलकर नोटबंदी के दौरान बड़ा घोटाला कर डाला है. ये घोटाला तीन से पांच लाख करोड़ रुपये का हो सकता है.
स्वामी भी उठा चुके उंगली
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी नोटबंदी के बाद जारी कैश की किल्लत के लिए वित्त मंत्रायल को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं. स्वामी ने कहा था-
बीजेपी में चिंता
नोटबंदी के करीब डेढ़ महीने बाद भी लोग अपने ही खातों से कैश नहीं निकाल पा रहे हैं. उस पर हर दिन लागू होते नये नियम लोगों की आशंका बढ़ाने का काम करते हैं. बीजेपी समझ रही है कि प्रधानमंत्री की पचास दिन की मियाद खत्म होने के बाद भी दिक्कतें पूरी तरह दूर होने वाली नहीं हैं. उत्तर प्रदेश का चुनाव सिर पर है और लोगों की नाराजगी पोलिंग बूथ का गणित बिगाड़ सकती है.
नेताओं का फूटा गुस्सा
हाल में हुई कई बैठकों के दौरान बीजेपी सांसदों और पदाधिकारियों ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के सामने अपनी ये चिंता दर्ज करवाई है. पिछले हफ्ते गुरुवार को बीजेपी मुख्यालय पर हुई पार्टी महासचिवों की बैठक में शाह को नकारात्मक टिप्पणियों से दो-चार होना पड़ा.
इसी दिन दिल्ली के एनडीएमसी कंवेंशन हॉल उत्तर प्रदेश के सांसदों के साथ बैठक में भी नोताओं का यही रुख देखने को मिला. पूर्वांचल के एक वरिष्ठ सांसद ने साफ कहा कि नोटबंदी से पैदा हुये हालात का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है.
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