सीएम जयललिता के विभागों को वित्तमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम को आवंटित किए जाने के बाद तमिलनाडु की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने सवाल उठाते हुए कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि जब जयललिता पिछले 19 दिनों से बीमार हैं, तो उनकी सलाह पर उनके विभागों को पन्नीरसेल्वम को कैसे आवंटित कर दिया गया?
मंगलवार को राजभवन से जारी बयान में कहा गया था,
“यह व्यवस्था मुख्यमंत्री की सलाह पर की गई है. वह तब तक यह जिम्मेदारी संभालेंगे, जब तक जयललिता अपना दायित्व नहीं संभाल लेतीं. जयललिता मुख्यमंत्री बनी रहेंगी.”
लेकिन बुधवार को यह मामला तूल पकड़ता गया, जब विपक्ष के नेताओं ने सवाल उठाना शुरू किया कि तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव को बीमार मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने अपने विभागों को वित्तमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम को आवंटित करने की सलाह कैसे दे दी?
एम. करुणानिधि का सवाल
तमिलनाडु के राज्यपाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू सहित कई नेताओं को अस्पताल में उनसे मिलने नहीं दिया गया. ऐसे में जयललिता की सलाह पर उनके विभाग पन्नीरसेल्वम को देने की बात कुछ आश्चर्यजनक है.एम. करुणानिधि, अध्यक्ष, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम
22 सितम्बर को जयललिता को बुखार और शरीर में पानी की कमी होने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था. बाद में डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें अस्पताल में ज्यादा समय तक रहना होगा, क्योंकि उनके जिस्म में इन्फेक्शन हैं और उन्हें सांस लेने में सहायता दी जा रही है.
तमिलनाडु की राजनीति में यह पहली बार नहीं है कि जब किसी बीमार मुख्यमंत्री ने अपना विभाग किसी और को आवंटित किया हो.
इससे पहले भी 1984 में एआईएडीएमके के संस्थापक एमजी रामचंद्रन जब बीमारी की हालात में अस्पताल में भर्ती थे, तब उन्होंने मौखिक तौर पर ही अपने विभाग को दूसरे को दिया था.
बीते 19 दिनों से जयललिता की बीमारी पर सस्पेंस बना हुआ है. वे स्वस्थ होकर कब तक फिर से अपना कामकाज संभालती हैं, ये देखने वाली बात होगी?
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