बीजेपी की सहयोगी पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर कहा है कि अगर किसान कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो वो गठबंधन छोड़ देंगे. नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष बेनीवाल ने चिट्ठी में लिखा है कि किसान आंदोलन को देखते हुए न सिर्फ किसान कानूनों को वापस लिया जाए साथ ही स्वामीनाथ आयोग की पूरी सिफारिशों को लागू किया जाए.
हनुमान बेनीवाल की ये भी मांग है कि दिल्ली में किसानों को मांग के मुताबिक, उचित जगह दिया जाए, जिससे बातचीत हो सके. उन्होंने आगे लिखा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो एनडीए में बने रहने पर विचार करना होगा.
कृषि कानूनों पर फैलाया जा रहा आतंक- PM मोदी
इस बीच किसान कानूनों पर चल रहे आंदोलन पर पीएम ने कहा कि किसानों को भ्रमित किया जा रहा है. पीएम ने अपने संबोधन में कहा,
“देश में एक अलग ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है. पहले ये होता था कि अगर सरकार का फैसला किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था. लेकिन बीते कुछ समय से आतंक और भ्रम फैलाकर उसे इसका आधार बनाया जा रहा है. भ्रम फैलाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि फैसला तो ठीक है लेकिन आगे चलकर पता नहीं क्या-क्या होगा.”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, जो कभी हुआ ही नहीं, जो कभी होगा ही नहीं उसे लेकर भ्रम फैलाया जाता है. ऐतिहासिक कृषि कानूनों को लेकर भी यही खेल खेला जा रहा है. हमें याद रखना है कि ये वही लोग हैं, जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है. कर्जमाफी को लेकर छल किया गया. किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थी, और वो खुद मानते थे कि 1रुपये में से सिर्फ 15 पैसे किसान तक पहुंचते थे. किसानों को एमएसपी पर खरीद नहीं मिल पाती थी.
इन सबके बीच किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और साफ कह रहे हैं कि जबतक इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा वो प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे.
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