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गोवा में 6 महीने भी नहीं टिकी कांग्रेस विधायकों की 'कसम', BJP में जाने के 3 कारण

जुलाई में भी कांग्रेस में टूट की खबर थी लेकिन पार्टी ने सबक नहीं लिया.

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गोवा में कांग्रेस (Goa Congress) के 8 विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की तो कांग्रेस और बीजेपी (BJP) के बीच जुबानी वार होने लगे. बीजेपी ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा पर तंज कसा तो कांग्रेस ने इसे ऑपरेशन कीचड़ कहा. कांग्रेस के पास गोवा में कुल 11 विधायक थे जो मार्च में आये नतीजों के बाद जीतकर आये थे. गोवा कांग्रेस के विधायक इसी तरह 2019 में पार्टी छोड़ गए थे जिसके बाद इसी साल मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में बाकायदा राहुल गांधी के सामने इन विधायकों ने शपथ ली थी कि वो कांग्रेस छोड़कर नहीं जाएंगे.

लेकिन 6 महीने भी विधायकों की वो कसम टिक नहीं पाई और पूर्व सीएम, नेता प्रतिपक्ष के साथ 8 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए.
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बीजेपी में शामिल होने वाले 8 विधायक कौन?

1. दिगंबर कामत: गोवा में 7 बार के विधायक हैं और 2007 से 2012 के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. इस बार भी वो कांग्रेस के सीएम पद के उम्मीदवार की दौड़ में सबसे आगे थे और विधानसभा चुनाव में अपनी सीट से बड़ी जीत भी हासिल की थी.

2. माइकल लोबोः कलंगुट विधानसभा से तीसरी बार चुनाव जीता है. इससे पहले वो बीजेपी में ही हुआ करते थे लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले फरवरी में बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए और कांग्रेस का पूरा कैंपेन चलाया. कांग्रेस ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष भी बनाया. फिर जुलाई में पार्टी तोड़ने की कोशिश करने का आरोप भी कांग्रेस ने लगाया.

3. देलिला लोबोः नॉर्थ गोवा की सोलिम विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था. देलिला पहली बार गोवा विधानसभा पहुंचे हैं. उससे पहले वो एक बिजनेसमैन के रूप में पहचान रखते थे और उन्होंने गोवा यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री ली है.

4. केदार नाइकः सालीगाव विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर पहली बार चुनाव जीता है. पेशे से बिजनेसमैन हैं और कामराज यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री हासिल की है.

5. एलिक्सो सिक्वेराः साउथ गोवा की नुवेम विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर जीते थे. ये पहले शिक्षक हुआ करते थे लेकिन वीआरएस लेकर राजनीति में आये और चुनाव जीता, अब कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गए.

6. राजेश फलदेसाईः नॉर्थ गोवा की कुम्बारजुआ विधासभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता. दो कंपनियों में डायरेक्टर हैं और मात्र 12वीं पास हैं.

7. संकल्प अमोनकरः साउथ गोवा की मोरमुगाव विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता. पेशे से बिजनेसमैन हैं और गोवा यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री हासिल की है.

8. रुडोल्फ फर्नांडिसः नॉर्थ गोवा की सेंट क्रूज विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता है. पेशे से बिजनेसैमन हैं और 12वीं पास हैं.

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क्या कांग्रेस को भारी पड़े ये फैसले?

  1. कांग्रेस ने मार्च 2022 में आए चुनाव नतीजों के बाद 11 सीटें जीती और बीजेपी से आये माइकल लोबो को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया. जिससे मुख्यमंत्री उम्मीदवार की दौड़ में शामिल दिगंबर कामत सहज नहीं थे.

  2. विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गिरीश चोडनकर से इस्तीफा ले लिया गया और अमित पाटकर के हाथ में गोवा कांग्रेस की कमान दे दी गई. जिसके बाद पार्टी में गुटबाजी हो गई, जिसका असर राष्ट्रपति चुनाव में भी दिखा और 4 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी. लेकिन कांग्रेस ने गुटबाजी पर कड़ा कदम नहीं उठाया.

  3. विधानसभा चुनाव में हार के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा हो गया लेकिन प्रदेश प्रभारी दिनेश गुंडूराव बने रहे. जिससे पार्टी में कई लोग नाराज हो गए. इसमें वो लोग भी शामिल थे जो गिरीश चोडनकर के करीबी थे.

जुलाई में ही हो गई थी बगावत?

जुलाई में खबरें चली थी कि गोवा कांग्रेस के 5 विधायक बीजेपी में शामिल होने वाले हैं. लेकिन कांग्रेस ने उस वक्त सक्रियता दिखाई और बगावत रोक ली. जिन पांच विधायकों के बागी होने की खबर थी उन्हें चेन्नई भेज दिया गया था. जिसके बाद कांग्रेस ने माइकल लोबो को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा दिया था.

2019 में भी टूटी थी पार्टी

2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 17 सीटें जीतने के बाद भी सरकार नहीं बना पाई थी और बीजेपी ने 13 सीटें जीतकर भी सरकार बना ली थी. इसके बाद 2019 में कांग्रेस के 17 में से 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे. उस वक्त के नेता विपक्ष चंद्रकांत कावलेकर भी उनमें शामिल थे. इतना ही नहीं इसके बाद फिर से 2 और कांग्रेस विधायक बीजेपी में शामिल हुए थे.

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कांग्रेस विधायकों ने खाई थी पार्टी ना छोड़ने की कसम

दरअसल 2019 में हुई टूट के बाद कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों से एक शपथपत्र लिया जिसमें उम्मीदवारों ने ये कसम खाई थी कि वो 5 साल तक पार्टी नहीं छोड़ेंगे. इस हलफनामे पर राहुल गांधी की मौजूदगी में सभी उम्मीदवारों ने साइन किया था और शपथ ली थी.

गोवा में टूट पर कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव ट्वीट किया कि,

गोवा के लोगों ने इन विधायकों को वोट दिया, क्योंकि वे कांग्रेस के उम्मीदवार थे. उन्होंने मंदिरों, चर्च और दरगाह के सामने शपथ ली थी कि वे बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने हलफनामा दिया था कि वे हमेशा कांग्रेस के साथ रहेंगे और संविधान के नाम पर प्रतिज्ञा की थी. क्या यह दिगंबर कामत, माइकल लोबो और अन्य लोगों द्वारा विश्वासघात और बेशर्मी की पराकाष्ठा नहीं है?

बीजेपी ने क्या कहा?

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की 'भारत जोड़ो यात्रा' विफल हो गई है और निर्वाचित प्रतिनिधियों ने इसके बजाय तटीय राज्य से 'कांग्रेस छोड़ो यात्रा' शुरू की है. इसके अलावा बीजेपी में शामिल होने वाले आठ विधायकों में से एक माइकल लोबो ने कहा, "हमने गोवा से 'कांग्रेस छोड़ो और बीजेपी जोड़ो' यात्रा शुरू की है.

इनपुट- IANS

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