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गौरव वल्लभ से जयवीर शेरगिल तक, प्रवक्ताओं ने छोड़ा 'हाथ'- कांग्रेस को कितना नुकसान?

कांग्रेस छोड़ने वाले अधिकतर प्रवक्ताओं ने पार्टी की नीतियों से असंतुष्टि का आरोप लगाकर पाला बदला है.

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Congress Spokesperson Joined BJP: कभी बीजेपी नेताओं पर तीखे प्रहार करने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता (Gourav Vallabh ) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) से पहले पार्टी का दामन छोड़ दिया. उन्होंने गुरुवार (4 अप्रैल) सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा और बीजेपी ज्वाइन कर ली. गौरव वल्लभ पहले ऐसे मुखर नेता नहीं हैं जिन्होंने कांग्रेस से किनारा किया बल्कि इससे पहले जयवीर शेरगिल, प्रियंका चतुर्वेदी, शहजाद पूनावाला, रीता बहुगुणा जोशी और खुशबू सुंदर पार्टी को अलविदा कहकर 'भगवा' दामन थाम चुके हैं.

ऐसे में सवाल ये है कि इस्तीफे के प्रमुख कारण क्या रहे और मुखर नेताओं का कांग्रेस से जाना पार्टी पर किस तरह का असर डाल सकता है?

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गौरव वल्लभ ने इस्तीफे के कुछ देर बाद ही बयान दिया कि वह पार्टी की दिशाहीनता से खुश नहीं हैं. उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे इस्तीफे में कहा, "मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता. इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं."

बता दें, गौरव वल्लभ ने खड़गे को लिखे पत्र में पार्टी के स्टैंड से लेकर जनता से कनेक्ट को लेकर पार्टी पर सवाल उठाए. इतना ही नहीं, उन्होंने पार्टी की कार्यशैली से अंसुष्टि भी जताई और कुछ नेताओं को हिंदू विरोधी बयान देने पर भी नाराजगी दिखाई.
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पत्र के मुख्य बिंदुः

  • कांग्रेस के स्टैंड से परेशान हूं.

  • आइडिया की कद्र नहीं होती

  • वल्लभ राम मंदिर मामले पर कांग्रेस से अलग राय रखते नजर आए.

उन्होंने लिखा, "अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से मैं परेशान हूं. मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं. पार्टी और गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं और पार्टी का उस पर चुप रहना स्वीकृति देने जैसा है."

वहीं उन्होंने पार्टी में स्टैंड पर भी सवाल उठाए. गौरव वल्लभ ने पत्र में लिखा, "पिछले कुछ दिनों से पार्टी के स्टैंड से असहज महसूस कर रहा हूं। जब मैंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की तब मेरा मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है. वहां सभी के आइडिया की कद्र होती है लेकिन ऐसा नहीं है."

'ग्राउंड लेवल से टूट चुका है कनेक्ट'

गौरव वल्लभ ने जनता से कनेक्ट पर बात की और पार्टी के बड़े नेताओं को कटघरे में खड़ा किया.

उन्होंने लिखा, "पार्टी का ग्राउंड लेवल कनेक्ट पूरी तरह से टूट चुका है और वह नए भारत की आकांक्षा को बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही. इसी वजह से पार्टी न तो सत्ता में आ पा रही है और न ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा पा रही हैं."

गौरव वल्लभ और राजनीतिक कदम

कांग्रेस के साथ रहने के दौरान, वल्लभ दो बार विधानसभा चुनाव लड़े लेकिन असफल रहे. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने गौरव वल्लभ को उदयपुर सीट से उतारा था. उनके लिए पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने चुनाव प्रचार किया था. इसके बावजूद वो बीजेपी के ताराचंद जैन से 32 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए थे.

इसके अलावा 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गौरव को जमशेदपुर पूर्वी सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ मैदान में उतारा था. तब भी वो जीत दर्ज नहीं कर पाए थे. बता दें, गौरव वल्लभ जोधपुर के रहने वाले हैं लेकिन जमशेदपुर को अपनी कर्मभूमि मानते हैं.

गौरव वल्लभ की अर्थव्यवस्था और वित्त मामलों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है. उन्होंने अमेरिका से सर्टिफाइड फाइनेंस रिस्क मैनेजमेंट का कोर्स किया है. वे चार्टर्ड अकाउंटेंट की सबसे बड़ी संस्था ICAI के डायरेक्टर थे और कई कॉलेज में बतौर गेस्ट लेक्चर पढ़ाने जा चुके हैं. 2003 में वह RBI के थिंक टैंक के तौर पर भी काम कर चुके हैं.
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पहले भी मुखर नेताओं ने छोड़ा साथ

जयवीर शेरगिल

जयवीर शेरगिल ने कांग्रेस के साथ बतौर मीडिया पैनलिस्ट करीब एक दशक तक रहने के बाद 2022 में बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. वे पार्टी के सबसे युवा राष्ट्रीय प्रवक्ता थे. कांग्रेस में रहते हुए शेरगिल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी अक्सर आक्रामक रहते थे. वहीं पार्टी छोड़ते वक्त शेरगिल ने पार्टी छोड़ते वक्त कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए थे.

शहजाद पूनावाला

कांग्रेस के प्रवक्ताओं में दूसरे बड़े चेहरे पूनावाला ने 2017 में अपनी पार्टी पर निशाना साधते हुए बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. पार्टी छोड़ते समय उन्होंने कांग्रेस के संगठनात्मक चुनावों को ‘दिखावा’ बताकर खूब सुर्खियां बटोरीं थीं. इसके बाद 2021 में उन्हें दिल्ली बीजेपी की सोशल मीडिया विंग का प्रभारी भी बनाया गया था. बता दें, पूनावाला प्रियंका वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के बहनोई तहसीन पूनावाला के भाई हैं.

प्रियंका चतुर्वेदी

कभी कांग्रेस की राष्ट्रीय आवाज रहीं प्रियंका चतुर्वेदी भी 2019 में कांग्रेस से पाला बदलकर शिवसेना पहुंच गई थीं लेकिन उन्होंने NDA से शिवसेना के बाहर निकलने और कांग्रेस से हाथ मिलाने से पहले यह फैसला लिया था अब शिवसेना के दो टुकड़े होने के बाद चतुर्वेदी अभी उद्धव ठाकरे टीम के साथ हैं. बता दें, चतुर्वेदी ने तब पद छोड़ दिया था, जब पार्टी ने उन कुछ नेताओं को बहाल कर दिया जिन पर उन्होंने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें आगे बढ़ने के लिए मौका देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

खुशबू सुंदर

कांग्रेस की प्रवक्ता रहीं खुशबू सुंदर तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने 2018 में ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था- यहां मोदी वहां मोदी, जहां देखो मोदी, लेकिन ये क्या? हर मोदी के आगे भ्रष्टाचार सरनेम लगा है. मोदी मतलब भ्रष्टाचार. चलिए मोदी का मतलब ही भ्रष्टाचार कर देते हैं. ये ज्यादा बेहतर है. साल 2020 में खुशबू कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थीं.

रीता बहुगुणा जोशी

रीता बहुगुणा जोशी साल 2016 में कांग्रेस को छोड़ बीजेपी में शामिल हो गईं थीं. बीजेपी में शामिल होने से पहले जोशी यूपी कांग्रेस प्रमुख थी. वहीं, रीता बहुगुणा जोशी के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने साल 2017 के उत्तर प्रदेश चुनावों के लिए शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश किया. बता दें, रीता बहुगुणा जोशी ने कहा था कि सोनिया गांधी वरिष्ठ नेताओं को सुनती थीं और उन्हें खुली छूट दे रखी थी लेकिन राहुल गांधी के नेतृत्व में ऐसा नहीं हुआ.

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इस्तीफे की क्या रही वजह?

कांग्रेस छोड़ने वाले अधिकतर प्रवक्ताओं ने पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाते हुए दामन छोड़ा है. पूनावाला ने कहा था कि उन्हें वंशवाद के खिलाफ बोलने के लिए मजबूर किया गया. अब गौरव वल्लभ ने भी यही कहकर पार्टी का दामन छोड़ दिया है कि राहुल के पास अनुभव चेहरों की कमी है और सभी के आइडिया को पार्टी में जगह नहीं मिलती.

पार्टी के लिए झटका

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वल्लभ का बीजेपी में जाना कांग्रेस के लिए एक झटका है. 2017 से लगातार मुखर नेताओं के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस के पास नए चेहरे तो हैं लेकिन अनुभवहीन. ऐसे में टीवी डिबेट या कैमरे पर बयानबाजी और पलटवार में पार्टी को परेशानी हो सकती है.

इस समय पार्टी पर लगे आरोपों की बात करें तो प्रमुख चेहरों में से एक सुप्रिया श्रीनेत के ऊपर बीजेपी उम्मीदवार और एक्ट्रेस कंगना रनौत के खिलाफ एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर निशाने पर हैं.

वहीं वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा पर भी बीजेपी ने प्रधानमंत्री का अपमान करने को लेकर आरोप लगाया था. इनके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला भी बीजेपी सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी पर अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना झेल रहे हैं.

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