इस महीने संसद के उच्च सदन राज्यसभा से 4 सदस्य रिटायर हो रहे हैं, जिनमें से कांग्रेस नेता गुलाम नब आजाद भी एक हैं. आजाद को संसद से काफी भावुक विदाई मिली, खुद पीएम मोदी ने इमोशनल होकर उनके राजनीतिक करियर और काम को याद किया.
1990 में पहली बार राज्यसभा पहुंचे आजाद
गुलाम नबी आजाद पहली बार साल 1990 में राज्यसभा सदस्य बने थे. तब वो महाराष्ट्र को रिप्रजेंट करते थे, इसके बाद साल 2009 में वो जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद वो कश्मीर से ही राज्यसभा के सदस्य रहे. बीजेपी के सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने 2014 में उन्हें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया.
लेकिन अब गुलाम नबी आजाद के जाने के बाद उनकी जगह कौन लेगा, इसे लेकर चर्चा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राज्यसभा में भावुक होकर जब गुलाम नबी आजाद को विदाई दी थी तो कहा था कि, जो भी आजाद जी की जगह लेगा, उसके लिए उनके काम को मैच कर पाना काफी मुश्किल होगा. क्योंकि गुलाम नबी आजाद न सिर्फ अपनी पार्टी के बारे में चिंता करते थे, बल्कि वो देश और सदन की चिंता भी करते थे.
बता दें कि गुलाम नबी आजाद 15 फरवरी को राज्यसभा से रिटायर हो जाएंगे. जिसके बाद वो अपना नेता प्रतिपक्ष का पद भी खाली छोड़ जाएंगे.
कांग्रेस में कई नामों पर हो रही चर्चा
गुलाम नबी आजाद के बाद नेता प्रतिपक्ष पद के लिए कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, बताया जा रहा है कि कुछ नामों पर विचार किया जा रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी 15 फरवरी को आजाद का कार्यकाल खत्म होने के बाद नेता प्रतिपक्ष की घोषणा कर सकती है.
अब आपको बताते हैं कि कौन से वो नाम हैं, जिन पर कांग्रेस पार्टी विचार कर रही है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए पूर्व रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सबसे ऊपर है. इसके अलावा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का नाम भी सामने आ रहा है. हालांकि रिपोर्ट्स में बताया गया है कि, क्योंकि चिदंबरम हिंदी बोलने में उतने सहज नहीं हैं, इसीलिए हो सकता है कि उन्हें इस पद के लिए ना चुना जाए.
अब खड़गे की अगर बात करें तो उन्हें 10 राजाजी मार्ग वाला घर दिया गया है, जो पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अलॉट था. इससे भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि खड़गे ही राज्यसभा में कांग्रेस का चेहरा हो सकते हैं.
हालांकि तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का नाम भी आ रहा है. बताया जा रहा है कि दिग्विजय भी इस रेस में फिलहाल शामिल हैं. उनके अलावा कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल भी लिस्ट में शामिल हैं. हालांकि इन नेताओं ने पहले पार्टी की लीडरशिप को लेकर सवाल उठाए थे, तो ये उनके खिलाफ जा सकता है.
क्या आजाद फिर राज्यसभा में करेंगे वापसी?
अब एक अटकल ये भी लगाई जा रही है कि गुलाम नबी आजाद एक बार फिर राज्यसभा में वापसी कर सकते हैं. इन अटकलों के तहत कहा जा रहा है कि आजाद केरल से अपना नामांकन भर सकते हैं. हालांकि उन्होंने राज्यसभा में अपने रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए कहा कि, उन्हें गर्व है कि वो एक भारतीय मुस्लिम हैं. उन्होंने कहा था,
"अगर दुनिया में कोई भी मुस्लिम गर्व महसूस करता है तो वो भारत का मुस्लिम होना चाहिए. पिछले कई सालों में हमने देखा कि कैसे अफगानिस्तान से लेकर ईराक तक मुस्लिम देश तबाह हो रहे हैं. वहां हिंदू और क्रिश्चियन नहीं हैं, वो वहां खुद से लड़ रहे हैं."
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