6 जून को सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा करने वाले गुरुदास कामत कांग्रेस पार्टी में वापस लौट गए हैं. कांग्रेस पार्टी के लिए ये एक अच्छी खबर है कि काफी मान- मुनव्वल के बाद कामत को पार्टी ने मना ही लिया है. ये पहला किस्सा है कि कांग्रेस छोड़ कर जाने रहे किसी नेता की वापसी हुई है.
पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मैंने अपना फैसला बदला, और मुझे एहसास हुआ कि अगर लोगों की सेवा करनी है तो कांग्रेस बेस्ट प्लेटफॉर्म है.गुरुदास कामत, नेता, कांग्रेस
कामत को रोकना क्यों था कांग्रेस के लिए जरुरी?
दरअसल कामत को रोकना कांग्रेस के लिए एक तरह से काफी जरुरी भी था, क्योंकि नेताओं का कांग्रेस से जाना और बीजेपी में आना पार्टी के लिए काफी महंगा खेल साबित हो रहा था. असम में हेमंत बिस्वा और हरियाणा में चौधरी वीरेंद्न सिंह के बीजेपी में जाने से पार्टी अभी उबर भी नहीं पाई है.
दरअसल गुरुदास कामत महाराष्ट्र के नेता संजय निरुपम और मोहन प्रकाश की राजनीति से भी नाखुश थे. सक्रिय राजनीति को अलविदा कहने से पहले उन्होंने एक भावुक चिट्ठी भी लिखी थी और इस बात का जिक्र भी किया था कि सोनिया और राहुल ने उनकी चिट्ठी का कोई जवाब नहीं दिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)