हरियाणा (Haryana) की आदमपुर विधानसभा सीट (Adampur Assembly Seat) पर हुए उपचुनाव का परिणाम रविवार, 6 नवंबर को आने वाला है. कांग्रेस से बागी होकर 4 बार के विधायक और 2 बार के सांसद कुलदीप बिश्नोई ने हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद यहां उपचुनाव हुआ था.
दांव पर कुलदीप बिश्नोई की प्रतिष्ठा
बीजेपी से कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई, कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश, इनेलो से कुर्दा राम नंबरदार और आप की ओर से सतेंद्र सिंह के बीच टक्कर है. कुलदीप बिश्नोई की प्रतिष्ठा दांव पर है. परिणाम बीजेपी और कांग्रेस से इतर कुलदीप बिश्नोई के लिए लिटमस टेस्ट साबित होगा. क्योंकि, इस सीट पर आया परिणाम कुलदीप बिश्नोई की आगे की राजनीति पर प्रभाव डालेगा.
उपचुनाव में बंपर वोटिंग: आदमपुर विधानसभा सीट के लिए 3 नवंबर को मतदान हुआ था. कुल 180 मतदान केंद्रों पर 1,71,754 मतदाताओं में से 1,31,401 मतदाताओं ने वोट किया था. इसी के साथ 76.51 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.
पिछले 54 साल से आदमपुर सीट पर बिश्नोई परिवार का कब्जा
आदमपुर विधानसभा सीट पर बिश्नोई परिवार का साल 1968 से कब्जा है. कुलदीप बिश्नोई से पहले इस सीट पर उनकी पत्नी, मां और पिता भजनलाल का कब्जा रहा है. इस सीट से कुलदीप बिश्नोई के पिता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल साल 1968 से 2000 तक विधायक रहे. जबकि, बिश्नोई ने 2005, 2009, 2014 और 2019 में यह सीट जीती थी और उनकी पत्नी रेणुका ने आदमपुर से 2012 का उपचुनाव जीता था.
कुलदीप बिश्नोई ने इस सीट से 2014 में अपनी पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस (भजन लाल) के बैनर तले चुनाव लड़ा था और उन्हें 56,757 यानी 47.1 फीसदी वोट मिले थे. वहीं, 2019 में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और उन्हें 63,693 यानी 51.7 फीसदी वोट हासिल हुए थे और जीत दर्ज की थी. लेकिन, इस बार उनके बेटे भव्य बिश्नोई ने बीजेपी के बैनर तले चुनाव लड़ा है, जिसका परिणाम कुलदीप बिश्नोई के राजनीतिक प्रतिष्ठा का भी सवाल बन गया है.
2019 में बिश्नोई ने बीजेपी प्रत्याशी सोनाली फोगाट को हराया था
कुलदीप बिश्नोई ने 2019 विधानसभ चुनाव में अपनी बीजेपी प्रतिद्वंदी सोनाली फोगाट को हराया था. इस सीट पर बीजेपी की सोनाली फोगाट को 34222 यानी 27.78 फीसदी वोट हासिल हुए थे. बिश्नोई ने फोगाट को 29471 वोटों के अंतर से हराया था.
कुलदीप बिश्नोई की कांग्रेस से अदावत हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर शुरू हो गई थी, जब पार्टी ने कुलदीप बिश्नोई की बजाय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के वाफादार उदय भान को इस पद के लिए नामित कर दिया था. तभी से बिश्नोई बागी हो गए थे और हुड्डा, भान के साथ कांग्रेस आलाकमान की भी खुलकर आलोचना करने लगे थे.
द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में बिश्नोई ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा था. बिश्नोई ने राहुल गांधी को दबाव में निर्णय लेने वाला एक कमजोर नेता बताया था.
कुलदीप बिश्नोई को जब भी मौका मिला वो कांग्रेस पर पलटवार करने से नहीं चुके. इसी का नतीजा रहा की उन्होंने 10 जून को हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर कांग्रेस से बदला लिया. जिसका परिणाम रहा की कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन को हार का सामने करना पड़ा. माकन को राज्यसभा भेजने के लिए कांग्रेस के पास नंबर थे, लेकिन बिश्नोई की क्रॉस वोटिंग और कांग्रेस के एक अन्य विधायक के गलत वोट ने माकन को हरा दिया. इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया. बाद में बिश्नोई ने 3 अगस्त को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ विधानसभा से भी इस्तीफा दे दिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)