हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का एक 'फरमान' चर्चा में आ गया है. खट्टर सरकार ने आदेश जारी किया है कि अगर कोई सांसद आते हैं, तो बाबुओं यानी अधिकारियों को खड़े होकर उनका स्वागत करना होगा. साथ ही अगर सांसद पहले से बताकर आते हैं, तो उनके स्वागत के लिए पहले से तैयारियां करनी होंगी.
राज्य के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने सरकार के इस सर्कुलर की पुष्टि की है.
कई सांसदों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से शिकायत की थी कि अधिकारी उनके साथ सहयोग नहीं करते हैं. इसके बाद सरकार ने 2011 में जारी की गई गाइडलाइंस का हवाला देते हुए ये सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर में कहा गया है कि सांसदों की आने वाले गाड़ियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था भी करनी होगी.
विवादों में रहे हैं खट्टर सरकार के कुछ फैसले
हाल ही में खट्टर सरकार ने आदेश दिया था कि हरियाणा के खिलाड़ियों को विज्ञापनों और प्रोफेशनल स्पोर्ट के जरिए होने कमाई का 33 फीसदी हिस्सा हरियाणा स्पोर्ट्स काउंसिल में जमा करवाना होगा. इस फैसले के बाद हरियाणा के दिग्गज खिलाड़ी गीता-बबिता फोगाट, सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने नाराजगी जाहिर की थी. इसके बाद इस फैसले पर रोक लगा दी गई थी.
इसके अलावा खुले में नमाज पढ़ने को लेकर चल रहे विवाद पर भी मुख्यमंत्री ने कहा था कि नमाज सार्वजनिक जगहों पर नहीं, बल्कि मस्जिद या ईदगाह में ही पढ़नी चाहिए. इस पर भी काफी बवाल मचा था.
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