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हरियाणा विधानसभा में रो पड़े CM खट्टर, बोले- सारी रात सो नहीं पाया

पेट्रोल-डीजल की कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस विधायकों के ट्रैक्टर खींचने की घटना का किया जिक्र

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हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है. लेकिन इस बीच बजट सत्र के दौरान सीएम मनोहर लाल खट्टर विधानसभा में रो पड़े. दरअसल सीएम खट्टर ने एक घटना को याद करते हुए कहा कि उसे देखने के बाद उन्हें सारी रात नींद नहीं आई. उन्होंने कहा कि महिला दिवस के दिन जब मैंने टीवी खोलकर देखा तो, ऐसा दृश्य दिखा जिसमें कांग्रेस की महिला विधायक ट्रैक्टर खींच रही हैं और भूपेंद्र हुड्डा ट्रैक्टर पर बैठे नजर आ रहे हैं.

सीएम खट्टर ने कहा कि मीडिया झूठ नहीं बोलता है. ये लोग ट्रैक्टर पर बैठे थे. अगर इन्हें प्रदर्शन करना ही था तो खुद ट्रैक्टर खींचते. ये दृश्य देखकर मैं सो नहीं पाया. इन्हें शर्म करनी चाहिए.

हुड्डा ने दिया जवाब

हालांकि सीएम मनोहर लाल खट्टर के इस आरोप के बाद हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जवाब दिया. उन्होंने खट्टर से पूछा कि,

“किसान आंदोलन में दिल्ली बॉर्डर पर अपने बच्चों के साथ पिछले कई महीनों से बैठी महिलाओं को देखकर आपका दिल क्यों नहीं पसीजता?”

बता दें कि महिला दिवस के मौके पर हरियाणा कांग्रेस के नेताओं ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर प्रदर्शन किया था. इस दौरान पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हुड्डा ट्रैक्टर की सीट पर बैठे थे और तमाम कांग्रेस विधायक उसे रस्सी के सहारे खींच रहे थे.

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हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव

कृषि कानूनों के खिलाफ बने माहौल के बाद हरियाणा की खट्टर सरकार लगातार विपक्ष और किसानों के निशाने पर है. इसीलिए विपक्ष की तरफ से विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया. प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा के शोक संदेश के संदर्भ में किसान आंदोलन के दौरान मारे गए 250 किसानों की मौत को शामिल करने की मांग की.

हुड्डा ने दावा किया कि सरकार अल्पमत में है. उन्होंने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी बहुमत पाने में सफल नहीं रही थी. फिर बीजेपी ने उसी जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) के समर्थन से सरकार बनाई, जिसने चुनाव में बीजेपी के खिलाफ वोट मांगे थे.

हुड्डा ने आगे कहा, “मुख्यमंत्री नीरो की तरह व्यवहार कर रहे हैं, जैसा कि वह रोम के जलते समय कर रहा था. हरियाणा में भी यही हो रहा है, बल्कि स्थिति तो इतनी खराब हो गई थी कि गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा फहराने के लिए खट्टर पानीपत नहीं जा पाए और उन्हें किसानों के गुस्से से बचने के लिए उस दिन पंचकूला जाना पड़ा.

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