हरियाणा के जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच करने वाली प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सवाल उठाया है.
साथ ही यह संकेत दिए हैं कि हरियाणा सरकार हिंसा के मामलों की जांच के लिए प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट को आधार नहीं बनाने वाली है.
मंगलवार को सार्वजनिक की गई 451 पन्नों की इस रिपोर्ट पर अनिल विज ने गुरुवार को टिप्पणी की और इस रिपोर्ट की तुलना पवित्र गीता से करते हुए कहा कि ये रिपोर्ट कोई गीता का अध्याय नहीं है.
अनिल विज ने प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट को आधा-अधूरा करार देते हुए कहा है कि यह सिर्फ सूचनात्मक रिपोर्ट है.
यह रिपोर्ट पूर्ण रूप से सत्य नहीं है. यह एक सूचनात्मक रिपोर्ट है और सरकार के लिए यह बाध्यकारी नहीं है. 451 पन्नों की इस रिपोर्ट के हर पैराग्राफ को हम सावधानी से पढ़ रहे हैं. जरूरी नहीं है कि प्रकाश सिंह ने जो भी लिखा है, वह सब सही हो. यहां तक कि यह रिपोर्ट पूरी भी नहीं है, क्योंकि जांच समिति में 3 सदस्य थे और 3 में से 2 ने रिपोर्ट पर दस्तखत नहीं किए हैं.अनिल विज, कैबिनेट मंत्री, हरियाणा सरकार
विज ने कहा कि कुछ अधिकारी बहुत अच्छे हो सकते हैं, उनका पिछला रिकॉर्ड अच्छा हो सकता है, इसलिए सरकार इन चीजों को ध्यान से देखेगी. अंबाला कैंट से 5 बार बीजेपी विधायक रहे विज ने कहा कि जहां भी सरकार को उचित लगा, उसने वहां कार्रवाई की है.
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