हरियाणा विधानसभा में आज खट्टर सरकार को विश्वास मत से गुजरना है. कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रही है. वैसे तो बीजेपी के पास अपने 40 विधायक हैं और जेजेपी का भी समर्थन प्राप्त है, लेकिन किसान आंदोलन ने खेल बिगाड़ दिया है. आइए समझाते हैं विधानसभा का गणित.
दरअसल, हरियाणा में बहुमत का आंकड़ा है 45, लेकिन बीजेपी के पास हैं सिर्फ 40 विधायक. ऐसे में पार्टी ने जेजेपी के 10 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है. पार्टी का दावा है कि उसके पास पांच और निर्दलीय का भी समर्थन है. किसान आंदोलन के कारण जेजेपी के दुष्यंत चौटाला पर लगातार दबाव बढ़ रहा है, जिन किसानों के बूते वो सरकार में आए, वो किसान अब जेजेपी विधायकों का बहिष्कार कर रहे हैं.
हाल में ही में जेजेपी के विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने विधानसभा में कहा कि गांव-गांव विधायकों का विरोध हो रहा है. बबली ने तो यहां तक कह दिया है कि वो अविश्वास मत के समर्थन में वोट करेंगे.
उधर कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी के बाहर के जो विधायक सरकार को समर्थन दे रहे थे वो अब खिलाफ हो गए हैं.
हरियाणा विधानसभा का गणित
हालांकि, जेजेपी ने पार्टी विधायकों को व्हीप जारी कर बीजेपी सरकार के समर्थन में वोट करने को कहा है, लेकिन अगर बबली का गुस्सा वाकई में दूसरे विधायकों में भी है तो खट्टर सरकार के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं. हालांकि, बीजेपी का जो दावा है कि उसके पास पंच निर्दलीय का भी समर्थन है, अगर वो सच है तो सरकार बच जाएगी. चंद घंटों में खट्टर सरकार का भविष्य तय हो जाएगा, लेकिन एक बात साफ हो गई है कि किसानों का गुस्सा अब गठबंधन में दरार डाल रहा है.
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