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कभी कांग्रेस की मदद से देवगौड़ा बने थे PM, अब बेटा बन सकता है CM

कर्नाटक के नतीजे आ गए हैं और किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है.

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कर्नाटक के नतीजे आ गए हैं और किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा 104 सीटें हासिल हुई हैं, वहीं कांग्रेस को 78 सीटों पर जीत मिली है और जेडीएस को 38 सीटें मिली है. कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाने का दावा किया है और साथ ही कांग्रेस ने कुमारस्वामी को सीएम बनाने पर भी सहमति जताई है.

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जेडीएस के कुमारस्वामी को पहले किंगमेकर के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन नतीजे आने के बाद उनकी किस्मत ने ऐसी पलटी मारी कि सीधे वो किंग बनने की राह पर हैं. कांग्रेस ने बिना शर्त उनके नाम पर सहमति बनाई है और जेडीएस के साथ सरकार बनाने को तैयार है.  
कर्नाटक के नतीजे आ गए हैं और किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है.

1996 में कांग्रेस की मदद से पीएम बने थे एचडी देवगौड़ा

अगर कुमारस्वामी सीएम बनते हैं, तो 22 साल पुराना इतिहास एक बार फिर दोहराया जाएगा. कुमारस्वामी के पिता एचडी देवगौड़ा 1996 में कुछ ऐसी ही परिस्थितियों में प्रधानमंत्री बने थे.

1996 के लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. बीजेपी को 161 सीटें मिली थी. लेकिन वो बहुमत से दूर थी. सबसे बड़ी पार्टी होने की वजह से बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया. 16 मई 1996 को अटल बिहारी वाजपेयी ने पीएम पद की शपथ ली. लेकिन वो लोकसभा में बहुमत हासिल नहीं कर पाए और 13 दिन में ही सरकार गिर गई.

बीजेपी की सरकार गिरने के बाद कांग्रेस के हाथ में बाजी थी, बीजेपी के बाद कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी, जिसे 140 सीटें मिली थीं. वहीं तीसरे नंबर पर थी जनता दल, जिसके पास 46 सीटें थीं. कांग्रेस ने अपने किसी नेता का नाम आगे ना बढ़ाते हुए जनता दल के नेता एचडी देवगौड़ा को पीएम बनाया और जनता दल का समर्थन किया. तीसरे नंबर पर आने के बावजूद जनता दल के नेता को पीएम बनने का मौका मिला.

लेकिन देवगौड़ा की सरकार ज्यादा दिन नहीं टिक पाई और वो करीब 10 महीने तक ही प्रधानमंत्री रह पाए थे, कि कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया और उनकी सरकार गिर गई.

कर्नाटक के नतीजे आ गए हैं और किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है.

ठीक 22 साल बाद एक बार फिर वैसे ही हालात बन रहे हैं, जब कांग्रेस की मदद से देवगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी सीएम बन सकते हैं.

वैसे नतीजे आने से पहले देवगौड़ा ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए अपने लंबे-चौड़े इंटरव्यू में कहा था कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में वो न तो बीजेपी के साथ जाएंगे और न ही कांग्रेस के. इस इंटरव्यू में वो प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, दोनों पर बराबर नाराज दिखे. लेकिन कहते हैं ना राजनीति में कोई किसी का ना परमानेंट दोस्त होता है और ना दुश्मन. कर्नाटक के नतीजे आने के बाद हालात कुछ ऐसे बन गए हैं कि देवगौड़ा एक बार फिर कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने को तैयार हैं.

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