पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी.चिंदबरम ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर इशरत जहां मामले में एक फर्जी विवाद पैदा करने का आरोप लगाया.
चिंदबरम ने समाचार पत्र ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए गुरुवार को एक बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि इशरत मामले में गुम हुए दस्तावेजों की जांच कर रहे गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने जांच में शामिल दूसरे अधिकारी को ‘पट्टी पढ़ाने’ का प्रयास किया.
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, इशरत जहां मामले में गुम दस्तावेजों से संबंधित मामले की जांच कर रहे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी बी.के.प्रसाद ने एक दूसरे अधिकारी को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया, जो एक गवाह थे. उन्हें बताया जा रहा था कि उनसे क्या पूछा जाएगा और उन्हें उसका क्या जवाब देना है.
समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस में गुरुवार को छपी खबर ने भंडाफोड़ किया है कि इशरत जहां मामले में केंद्र सरकार की ओर से दायर किए गए दो हलफनामों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने फर्जी विवाद पैदा किया. रिपोर्ट में वही बात साबित होती है, जो मैंने दोनों हलफनामे में कही थी.पी. चिदंबरम
उन्होंने एनडीए सरकार की ओर से मामले की जांच के लिए गठित आयोग की रिपोर्ट को फर्जी बताया.
चिदंबरम ने कहा कि कि मुकदमे की सुनवाई से ही सच सामने आ पाएगा, जो जुलाई 2013 से ही अदालत में लंबित है. पहला हलफनामा छह अगस्त, 2009 को दायर किया गया था, जिसमें खुफिया जानकारियों का खुलासा किया गया था. जानकारी को केंद्र सरकार व राज्य सरकार के साथ साझा किया गया था.
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