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नेहरू से लेकर मोदी तक, केंद्र सरकार में कैसे बदला महिला प्रतिनिधित्व का ग्राफ?

2014 में देश की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ कि दो प्रमुख विभाग विदेश और रक्षा मंत्रालय महिलाओं को सौंपा गया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के मंत्रिमंडल की घोषणा हो चुकी है. इसमें उत्तर और दक्षिण भारत के लगभग सभी राज्यों को देखते हुए 71 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. मोदी 3.0 सरकार में कई प्रमुख मंत्रियों ने अपने विभागों को बरकरार रखा है. अमित शाह गृह मंत्री के रूप में काम करना जारी रखेंगे, जबकि राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री बने रहेंगे. नितिन गडकरी ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के रूप में अपना पद बरकरार रखा है.

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वहीं महिला सांसदों की बात करें तो पीएम सहित 72 मंत्रियों में केवल 7 महिला मंत्री नियुक्त हुई हैं. जिसमें से केवल दो महिलाओं को कैबिनेट रैंक हासिल है. - निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय और अन्नपूर्णा देवी को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय. यह संख्या मोदी कैबिनेट 1.0 के आंकड़े से बेहद कम है, जहां छह महिलाएं कैबिनेट रैंक पर थीं.

इस आर्टिकल में आपको बताएंगे की पहले आम चुनाव के बाद से महिलाओं का केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में कैसा प्रतिनिधत्व रहा है, इसके साथ ही अब तक मोदी सरकार के बीते दो कार्यकाल में महिला सांसदों को मंत्रिमंडल में कितनी तरजीह दी गई है?

केंद्र सरकार में बीस सालों में सबसे अधिक महिला मंत्री 

नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल में 2021 में फेरबदल किया. इस दौरान उन्होंने महिला मंत्रियों कि संख्या 7 से 11 कर दी. यह 2004 से केंद्रीय मंत्रिपरिषद में महिलाओं की सबसे अधिक संख्या थी.

हालांकि 2021 में हुए दो विधानसभा चुनावों के बाद मंत्रिमंडल में महिलाओं की संख्या में वृद्धि की गई, जहां महिलाओं ने चुनाव परिणामों को प्रभावित करने में निर्णायक भूमिका निभाई.

पश्चिम बंगाल में, ममता बनर्जी ने राज्य में महिला मतदाताओं के समर्थन के आधार पर साल की शुरुआत में शानदार जीत दर्ज की. बिहार में भी, नीतीश कुमार अपने महिला मतदाताओं के आधार को बनाए रखने के बाद फिर से चुने गए .

चूंकि महिलाएं एक अहम मतदाता समूह के रूप में उभर रही हैं इसलिए माना जा रहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 2021 में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में महिलाओं कि संख्या बढ़ाई गई थी. हालांकि चुनाव के बाद अब महिला मंत्रीयों कि संख्या कमोबेश वहीं आकर अटकी जहां यह पिछली सरकारों में देखी गई थीं.

मोदी कैबिनेट 1.0 vs मोदी कैबिनेट 2.0 vs मोदी कैबिनेट 3.0

प्रधानमंत्री मोदी ने जून 2024 में अपना तीसरा कार्यकाल शुरू किया, उनकी सरकार में सात महिला मंत्री हैं. जिनमें से दो कैबिनेट रैंक पर पदोन्नत हैं. 2019 में पीएम मोदी ने अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया था, तब उनकी सरकार में छह महिला मंत्री थीं, जिनमें से तीन कैबिनेट रैंक की थीं. कैबिनेट में फेरबदल की कवायद ने जुलाई 2021 में इस संख्या को बढ़ाकर 11 कर दिया. 2014 में पहली मोदी सरकार में 10 महिला मंत्री थीं.

केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व की बात करें तो कैबिनेट रैंक पर महिलाओं की हिस्सेदारी मोदी 2.0 में 7% प्रतिशत रही, 2024 मोदी सरकार में भी यह आकड़ा 7 फीसदी पर ही अटका, जो 2014 में आई मोदी सरकार के पहले कैबिनेट में 25% महिला मंत्रियों के अपने रिकॉर्ड से काफी कम है.

बता दें, 2014 मोदी सरकार के मंत्रिमंडल का यह आकड़ा जुलाई 2016 में हुए कैबिनेट विस्तार के बाद का है.

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मोदी 3.0 में 7 महिला मंत्रियों में से केवल दो कैबिनेट पदों पर- निर्मला सीतारमण को वित्त और झारखंड की ओबीसी नेता अन्नपूर्णा देवी को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.

मोदी 2.0 में 11 महिला मंत्रियों में से केवल दो कैबिनेट पदों पर- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी.

मोदी 1.0 में 10 महिला मंत्रियों में से सात कैबिनेट पदों पर- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सूचना प्रसारण और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, पेयजल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती, खाद्द प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर, महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, अल्पसंख्यक मंत्री नजमा हेपतुल्ला.

2014 में देश की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ कि दो प्रमुख विभाग विदेश और रक्षा मंत्रालय महिलाओं को सौंपा गया.

मोदी कैबिनेट में महिला मंत्री बनाम पूर्व प्रधानमंत्री कैबिनेट

देश के आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के नेतृत्व में 1947 में बनी भारत की पहली कैबिनेट में राजकुमारी अमृत कौर एकमात्र और पहली महिला मंत्री थीं. राजकुमारी अमृत कौर नेहरू सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहीं. उन्होंने खेल और शहरी विकास मंत्रालय जैसे अहम विभागों का कार्यभार भी संभाला.

इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए 1967-71, 1971-1977 और फिर 1980-84 के दौरान केंद्र परिषद में एक भी महिला की मंत्री पद पर नियुक्ति नहीं हुई थी.

हालांकि इंदिरा गांधी के दूसरे और तीसरे मंत्रालय में डॉ. सरोजिनी महिषी, नंदिनी सत्पथी, सुशीला रोहतगी और सरोज खापर्डे राज्यमंत्री के रूप में शामिल की गईं.

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वहीं राजीव गांधी के नेतृत्व वाले कैबिनेट कि बात करें तो उसमें केवल एक महिला मोहसिना किदवई कि नियुक्ति बतौर मंत्री हुई थी. वीपी सिंह के कैबिनेट में मेनका गांधी पर्यावरण राज्य मंत्री बनायी गयी. नरसिम्हा राव के कार्यकाल में ममता बनर्जी एकमात्र महिला मंत्री थीं. ममता बनर्जी को मानव संसाधन राज्य मंत्रालय और युवा और खेल मंत्रालय विभाग सौंपा गया था.

अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में एक लंबे अंतराल के बाद महिलाओं को एक बार फिर से कैबिनेट रैंक पर जगह मिली. सुषमा स्वराज को सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकारों के दोनों कार्यकाल में 10-10 महिला मंत्री थीं.

मौजूदा मोदी सरकार में महिलाओं को क्या मंत्रालय मिलें?

केंद्रीय मंत्री और मंत्रालय

  1. निर्मला सीतारमण- वित्त और कॉर्पोरेट मामले

  2. अन्नपूर्णा देवी- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

राज्य मंत्री

  1. अनुप्रिया पटेल (अपना दल एस)- स्वास्थ्य एवं विकास कल्याण, रसायन एवं उर्वरक

  2. शोभा करंदलाजे- MSME, श्रम एवं रोजगार

  3. रक्षा खडसे- युवा एवं खेल

  4. सावित्री ठाकुर- महिला एवं बाल विकास

  5. नीमूबेन बमभानिया- उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण

पीएम मोदी 3.0 में शामिल महिलाओं कौन हैं? उसकी जानकारी यहां देखें.

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