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राहुल गांधी से कन्हैया की मुलाकात, कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल

कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल

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सीपीआई (CPI) नेता और जेएनयू छात्र संघ (JNU Student Union) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की.

सूत्रों के मुताबिक गुजरात के बनासकांठा जिले की वडगाम विधानसभा सीट से विधायक विधायक जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस नेतृत्व के संपर्क में हैं. कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में उत्तरी गुजरात की इस सीट से उम्मीदवार नहीं उतारकर मेवाणी की मदद की थी.

सूत्रों के मुताबिक कन्हैया CPI में अच्छा महसूस नहीं कर रहै हैं. उन्होंने मंगलवार को राहुल गांधी से मुलाकात की और बताया जा रहा है कि दोनों के बीच बातचीत हुई है. कन्हैया के इस कदम के बारे में पूछे जाने पर, CPI महासचिव डी राजा ने कहा कि मैंने इस संबंध में केवल अटकलें सुनी हैं.
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मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि वह इस महीने की शुरुआत में हमारी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद थे. उन्होंने बात की और विचार-विमर्श में भाग लिया.
डी राजा, भाकपा महासचिव

कन्हैया का इस पर अभी कोई बयान नहीं आया है. कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि वह बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के इच्छुक हैं. कांग्रेस पिछले तीन दशकों से बिहार में राजनीतिक बियाबान में भटक रही है. पिछले साल के विधानसभा चुनावों में भी सहयोगी दलों आरजेडी और CPI (माले) की तुलना में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन रहा.

कांग्रेस 70 में से केवल 19 सीटों पर ही जीत सकी थी. आरजेडी ने जिन 144 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से आधे से ज्यादा पर जीत हासिल की, जबकि सीपीआई (एमएल) ने 19 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की.

कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि पार्टी का मानना ​​​​है कि कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी के पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस को फायदा मिलेगा.

यह और बात है कि कांग्रेस के कम से कम कुछ नेताओं का मानना ​​है कि, कन्हैया कुमार अपने विवादास्पद अतीत को देखते हुए पार्टी के लिए एक भार हो सकते हैं. पिछले साल दिसंबर में पार्टी के पटना कार्यालय में हंगामे के लिए CPI में भी, उन्हें इस साल की शुरुआत में अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा था.

अपने बोलने के कौशल के लिए पहचाने जाने वाले कन्हैया अगर कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो पार्टी उन्हें उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में प्रचार के लिए भी इस्तेमाल कर सकती है.

एसपी और बीएसपी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस से हाथ नहीं मिलाएंगे, कांग्रेस पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी.

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