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कर्नाटक चुनाव: येदियुरप्पा के किले ‘शिकारीपुरा’ में लग पाएगी सेंध?

पिछले नौ चुनावों में बीजेपी सिर्फ एक बार ही यह सीट हारी है

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कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बीजेपी की राज्य इकाई के सबसे कद्दावर नेताओं में से एक बी.एस. येदियुरप्पा अपने मजबूत किले शिकारीपुरा से चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं, जहां सेंध लगाना कांग्रेस के लिए आसान नहीं. वजह ये है कि इस सीट पर येदियुरप्पा ने सात बार जीत हासिल की है. इसी रिकॉर्ड को देखते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस ने येदियुरप्पा के खिलाफ एक कमजोर उम्मीदवार को मैदान में उतारा है.

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बीजेपी का गढ़ है शिकारीपुरा

कर्नाटक विधानसभा सीट संख्या -115 है शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र. शिकारीपुरा ऐतिहासिक स्थानों और प्राकृतिक आकर्षण स्थानों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रसिद्ध अंजनेय मंदिर शामिल हैं. यहां देश के अलग अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 2,13,590 हैं जिसमें से 1,08,344 पुरुष और 1,05,246 महिलाएं हैं.

शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र में ज्यादातर कुरुबा, गुडिगर्स, लिंगायत, लैम्बानी, हैवीक, मुस्लिम, ईसाई और अन्य जातियां रहती हैं. बात करें क्षेत्रीय राजनीति की तो इस सीट को पारंपरिक रूप से बीजेपी का गढ़ कहा जाता है. इस सीट पर पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी.एस. येदियुरप्पा का एकछत्र राज रहा है.

येदियुरप्पा ने 1983 में इस सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने 1985 उप-चुनाव, विधानसभा चुनाव 1989, 1994, 2004, 2008 और 2013 में जीत हासिल कर इस निर्वाचन क्षेत्र को विपक्षी दलों के लिए अभेद्य किले के तौर पर स्थापित कर दिया. हालांकि 1999 में उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार महालींग्प्पा के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था. लेकिन उसके बाद से उन्हें कभी इस सीट पर हार नहीं मिली.  

शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र में 2014 में हुए उपचुनाव में येदियुरप्पा की जगह उनके बेटे बी.वाई राघवेंद्र ने चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंद्वी एच.एस. शांथवीरप्पा गौड़ा को मात दी थी. विधानसभा चुनाव 2018 में शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी ने एक बार फिर येदियुरप्पा को मैदान में उतारा है.

बीजेपी का शानदार रिकॉर्ड

येदियुरप्पा और बीजेपी की पारंपरिक सीट और सुरक्षित गढ़ होने की वजह से विपक्षियों के लिए इस किले में सेंध लगाना मुश्किल सा दिखाई पड़ता है. पिछले नौ चुनावों में बीजेपी सिर्फ एक बार ही यह सीट हारी है. इसी रिकॉर्ड को देखते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस ने येदियुरप्पा के खिलाफ स्थानीय नगर पालिका सदस्य गोनी मालतेश को मैदान में उतारा है.

वहीं जेडी (एस) ने भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ लो-प्रोफाइल नेता एच.टी. बालीगर को चुनाव मैदान में उतारा है. इसके अलावा आम आदर्मी पार्टी ने चंद्रकांत एस. रेवांकर और चार निर्दलीय अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. ऑल इंडिया मज्लिस ए इतेहदुल मुसलिमीन पहले ही जनता दल (सेक्युलर) को अपना समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है.

बता दें कि कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक चरण में 12 मई को मतदान होगा और वोटों की गिनती 15 मई को होगी.

(इनपुट: IANS)

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