उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे मौकापरस्ती की राजनीति शुरू हो चुकी है. दलबदल के दौर में इस समय सबसे ज्यादा फायदे में बीजेपी लग रही है, जिसके पाले में स्वामी प्रसाद मौर्य सहित कई पार्टियों के कुल 10 नेता आ चुके हैं.
वहीं सबसे ज्यादा घाटे में कांग्रेस दिख रही है, जिसके 6 विधायक पाला बदल चुके हैं. आइए जानते हैं कि किस नेता ने जोड़ा किससे वास्ता, कौन-सी पार्टी रही घाटे में और कौन चल रही है फायदे में...
बीजेपी: नए ‘सरदारों’ का पसंदीदा कुनबा
उत्तर प्रदेश चुनाव में गैर यादव ओबीसी वोट बैंक पर नजर गड़ाए बैठी बीजेपी को स्वामी प्रसाद मौर्य के रूप में तुरुप का इक्का मिल गया. अपने साथ-साथ वो बीएसपी के कई नेता भी तोड़ लाए. बीजेपी में शामिल होने वाले नेता-
- कांग्रेस से- संजय जायसवाल, विजय दुबे और माधुरी वर्मा.
- बीएसपी से- बाला प्रसाद अवस्थी और राजेश त्रिपाठी, ब्रजेश पाठक.
- सपा से - शेर बहादुर सिंह.
वहीं अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल के बीजेपी में शामिल होने पर कुर्मी वोटों का झुकाव भी बीजेपी की तरफ होने का अनुमान लगाया जा रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य, शिवपुर विधायक उदय लाल मौर्य के साथ बीजेपी में शामिल हुए हैं.
बीएसपी: पार्टी को अलविदा कहते नेताओं से परेशान
बीएसपी इस बार दलित- मुस्लिम गठबंधन बनाने के चक्कर में है. पार्टी में नंबर 2 हैसियत रखने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने चार मुस्लिम विधायकों को बीएसपी ज्वाइन कराकर इस गठबंधन को मजबूत करने की कोशिश की है. लेकिन 5 विधायकों ने बीएसपी छोड़ी भी है, इस वजह से पार्टी को नफा और नुकसान दोनों ही हुआ है. बीएसपी में शामिल होने वाले नेता-
- कांग्रेस से- तिलोई विधानसभा क्षेत्र से विधायक मोहम्मद मुस्लिम, रामपुर के नवाब काजिम अली खां
- बुलन्दशहर के दिलनवाज खां
- सपा से -विधायक नवाजिस आलम खां
कांग्रेस: घाटा ही घाटा
दल-बदल से किसी पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, तो वो है कांग्रेस. पार्टी के 6 विधायक विदा ले चुके हैं. इन विधायकों पर राज्यसभा के चुनावों में क्रॉस वोटिंग करने का आरोप था.
कांग्रेस को अलविदा कहने वाले नेता
- बस्ती की रूधौली सीट से संजय जायसवाल
- बहराइच की नानपारा सीट से माधुरी वर्मा
- कुशीनगर की खड्डा सीट से विजय दुबे
- अमेठी की तिलोई सीट से मोहम्मद मुस्लिम
- रामपुर के नवाब काजिम अली खां
- बुलन्दशहर से दिलनवाज खां
सपा: परिवार संभालने में ही लग रही है पूरी ताकत
समाजवादी पार्टी भी दल-बदल के इस खेल में कांग्रेस की तरह घाटे में लग रही है. पार्टी के शेर बहादुर सिंह बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. लेकिन बीजेपी विधायक विजय बहादुर सिंह भी सपा में शामिल हुए हैं.
पार्टी में कौमी एकता दल के विलय को लेकर पहले ही घमासान मच चुका है. दबंग अंसारी बंधुओं की पार्टी के विलय के खिलाफ अखिलेश यादव, चाचा शिवपाल यादव के विरोध में आ गए थे, जिसके बाद शिवपाल ने पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)