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लालू की लाडली मीसा की कहानी: इमरजेंसी से ED की पड़ताल तक

मीसा की मेडिकल की पढ़ाई, राजनीतिक सफर से लेकर ईडी के छापों तक की पूरी कहानी. 

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आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती आजकल ईडी और सीबीआई के दफ्तर के चक्कर काट रही हैं. 8 हजार करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस में मीसा और उनके पति पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है.

मुसीबत में फंसी मीसा भारती के दफ्तर और घर पर रविवार को ही ईडी ने छापेमारी की और उसके बाद उनसे घंटों पूछताछ भी की. ऐसे में मीसा भारती की शख्‍स‍ियत को लेकर लोगों की उत्‍सुकता स्‍वाभाविक है. आगे हम मीसा के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों पर एक नजर डाल रहे हैं.

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अपने पिता की राजनीतिक छवि की तरह ही मीसा भारती की जिंदगी में भी काफी रंग हैं. डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाली मीसा ने कभी इसे पेशे के रूप में नहीं अपनाया और अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति में कदम रखा. हम आपको बताते हैं मीसा की मेडिकल की पढ़ाई, राजनीतिक सफर से लेकर ईडी के छापों तक की पूरी कहानी.

कैसे पड़ा मीसा का नाम

मीसा भारती लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की सबसे बड़ी बेटी हैं. मीसा का जन्म आपातकाल के दौरान हुआ था, जब लालू जेल में थे. वो मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (MISA) के तहत जेल गए थे, इसलिए उन्होंने अपनी सबसे बड़ी बेटी का नाम मीसा रखा.

मीसा ने एमबीबीएस में किया था टॉप

मीसा भारती ने पटना के माउंट कार्मेल स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने पटना मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल (PMCH ) से एमबीबीएस किया. मीसा ने एमबीबीएस में टॉप भी किया था. उस वक्त उनकी मां राबड़ी देवी बिहार की मुख्ममंत्री थीं.

मीसा के टॉप करने पर भी उस दौर में कई सवाल उठे. लोगों ने ये आरोप लगाए कि मीसा को सीएम की बेटी होने का फायदा मिला. हालांकि मीसा ने एमबीबीएस में टॉप तो किया, लेकिन कभी डॉक्टरी को पेशा नहीं बनाया.

1999 में हुई थी मीसा की शादी

मीसा भारती की शादी इंफोसिस में कंप्यूटर इंजीनियर शैलेश कुमार यादव से 1999 में हुई थी. शादी के पहले मीसा ने शैलेश को देखा भी नहीं था. बस अपने पापा की पसंद से शादी के लिए राजी हो गईं.

मीसा की शाही शादी की उस दौर में काफी चर्चा हुई थी. जब मीसा की शादी हुई थी, तब राबड़ी देवी बिहार की सीएम हुआ करती थी. इस शादी को मीडिया ने भी जोर-शोर से कवर किया था. मीसा भारती की दो बेटियां हैं.

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2013 में राजनीति में आईं मीसा

मीसा भारती अक्सर अपनी मां और पिता के कामकाज में मदद किया करती थीं, लेकिन सक्रिय राजनीति में 2013 में पहली बार उन्होंने कदम रखा. लालू प्रसाद ने पटना के गांधी मैदान में पहली बार मीसा, तेजस्वी और तेजप्रताप यादव का परिचय लोगों से करवाया था.

2014 में मीसा पाटलीपुत्र के जिस लोकसभा सीट से चुनावी समर में उतरी थीं, उसको लेकर भी काफी हंगामा मचा. इस सीट को मीसा को देने के लिए लालू ने अपने सालों के भरोसेमंद साथी रामकृपाल यादव तक को नाराज कर दिया. नाराजगी भी इतनी ज्यादा बढ़ गई कि रामकृपाल यादव ने पार्टी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया.

रामकृपाल यादव पाटलीपुत्र से बीजेपी की सीट पर मीसा के खिलाफ चुनाव लड़े और वो जीत गए. मीसा जिस रामकृपाल यादव को कभी 'चाचा' कहा करती थीं, उनके हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

राज्यसभा सांसद बनीं मीसा

2016 में मीसा को लालू प्रसाद ने आरजेडी के टिकट पर राज्यसभा भेज दिया. हालांकि मीडिया में ऐसी भी खबरें आईं कि लालू पहले राबड़ी देवी को राज्यसभा में भेजना चाहते थे, लेकिन बेटी की जिद के आगे उन्हें झुकना पड़ा.

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हावर्ड यूनिवर्सिटी की फोटो लेकर विवादों में आई थीं

मीसा भारती एक बार अपने फेसबुक पेज पर हावर्ड यूनिवर्सिटी की फोटो शेयर कर विवादों में पड़ गई थीं. मीसा पर आरोप लगा था कि कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद वो मंच पर गईं और तस्वीरें खिंचवाईं. इसके बाद ये तस्वीरें भारत के अखबारों को यह कहकर जारी कर दी गई कि उन्होंने हावर्ड में लेक्चर दिया था.

बाद में यूनिवर्सिटी ने सफाई देते हुए कहा था कि मीसा यहां कोई कार्यक्रम में बतौर अतिथि नहीं आई थीं, उन्होंने कार्यक्रम खत्म होने पर फोटो खींचवा ली थी.

मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसी हैं मीसा

मनी लॉन्ड्रिंग केस में मीसा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने मई में ही मीसा के सीए राजेश अग्रवाल और जैन बंधुओं को गिरफ्तार किया था. राजेश के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के कुछ बिजनेसमैन और नेताओं के लिए शेल कपंनी बनाई और उन बिजनेसमैन और नेताओं की ब्लैक मनी को सफेद किया. मीसा पर आरोप है कि लेन-देन में मिले पैसे का इस्तेमाल फॉर्महाउस खरीदने में किया गया.

पिछले हफ्ते ईडी ने दिल्ली के बिजवासन इलाके में जिस फॉर्महाउस पर छापेमारी की थी, उसके बारे में कहा जा रहा है कि वो फॉर्म हाउस मीसा भारती के नाम है. मीसा पर आरोप है कि करीब 100 करोड़ की संपत्ति को एक करोड़ 41 लाख में खरीदा गया. इसमें चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल ने मीसा भारती को मदद की.

फिलहाल ईडी लगातार इस मामले की जांच कर रही है और आने वाले वक्त में पता चलेगा कि इमरजेंसी के वक्त पैदा हुई लालू की इस बेटी की जिंदगी में आई इमरजेंसी क्या शक्‍ल लेती है.

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