लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सेकंड फेज के मतदान के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है. 26 अप्रैल को 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 88 सीटों पर वोट डाले जाएंगे.
पहले चरण में कम मतदान को देखते हुए चुनाव आयोग ने इस बार कर्मियों से लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है, इसी के साथ खुद भी शहरी इलाकों की बहुमंजिली इमारतों में ही मतदान की व्यवस्था कर एक प्रयोग किया गया है.
बताते हैं दूसरे चरण के प्रमुख राज्यों में हॉट सीटों की पूरी डिटेल.
89 की बजाय 88 सीटों पर ही मतदान क्यों?
18वें लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में केरल की सभी 20, कर्नाटक की 28 में से 14, राजस्थान की 13, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश की 8-8, मध्य प्रदेश की 6, असम और बिहार की 5-5, छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल में 3-3, मणिपुर, त्रिपुरा और जम्मू-कश्मीर में 1-1 सीट पर मतदान होगा. बता दें, पहले इस फेज में 89 सीटों पर वोटिंग होनी थी लेकिन मध्य प्रदेश की बैतूल सीट पर बीएसपी प्रत्याशी के निधन के बाद इस सीट पर अब 7 मई को चुनाव होंगे.
2019 में इन सीटों पर सबसे ज्यादा बीजेपी ने 50 और NDA के सहयोगी दलों ने 8 सीटें जीती थीं. कांग्रेस के खाते में 21 सीटें गईं थीं जबकि अन्य को 9 सीटें मिली थीं.
मैदान में 2 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्री
दूसरे चरण में जनता 2 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्रियों की किस्मत का फैसला करेगी. इस चरण में मेरठ से रामायण सीरियल के ‘राम’ अरुण गोविल, वायनाड से कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मथुरा से हेमा मालिनी और बिहार की पूर्णिया सीट पर मुकालबा दिलचस्प बनाने वाले पप्पू यादव समेत 1,206 प्रत्याशी मैदान में हैं. इसके अलावा तिरुवनंतपुरम से शशि थरूर का मुकाबला केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर से है.
वहीं जम्मू लोकसभा सीट से बीजेपी के जुगल किशोर का मुकाबला कांग्रेस के रमन भल्ला से है, यहां गुलाम नबी आजाद की पार्टी डीपीएपी ने जीएम सरुरी को चुनावी मैदान में उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय करने का प्रयास किया है.
इस चरण में 29 सीटें ऐसी हैं जहां बीजेपी ने कभी जीत हासिल नहीं की है. इनमें सबसे ज्यादा केरल की 20 सीटें हैं.
किन राज्यों की कितनी सीटों पर होगी वोटिंग
असमः 5
बिहारः 5
छत्तीसगढ़ः 3
जम्मू-कश्मीरः 1
कर्नाटकः 14
केरलः 20
मध्य प्रदेशः 6
महाराष्ट्र 8
राजस्थानः 13
मणिपुरः 1
त्रिपुराः 1
उत्तर प्रदेशः 8
पश्चिम बंगालः 3
राज्यों का सीटवार विवरण
मणिपुर
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट
असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम
मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक है लेकिन अगर समय खत्म होने के बाद भी लोग लाइन में रह जाते हैं तो वो भी वोट डाल सकेंगे.
प्रमुख राज्य और उम्मीदवार
यूपी की 8 सीटों पर 91 उम्मीदवार
दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर मतदान होगा जहां 91 उम्मीदवार हैं. सबसे ज्यादा गौतमबुद्धनगर और मथुरा सीट पर 15-15 उम्मीदवार हैं. बुलंदशहर में सबसे कम केवल छह प्रत्याशी मैदान में हैं. अमरोहा में 12, मेरठ में आठ, बागपत में सात, गाजियाबाद और अलीगढ़ में 14-14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. इस चरण में प्रदेश की गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, अमरोहा, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा सीट के लिए मतदान होगा.
बिहार में 5 सीटों पर मुकाबला दिलचस्प
दूसरे चरण में बिहार की 5 सीटों पर वोटिंग होनी है. इसमें किशनगंज, पूर्णिया, बांका, भागलपुर और कटिहार शामिल है. इन सीटों में सीमांचल की किशनगंज और पूर्णिया में त्रिकोणात्मक मुकाबला देखने को मिल रहा है जबकि अन्य तीन सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. इस चुनाव की सबसे हॉट सीट पूर्णिया है. पूर्णिया में जदयू के संतोष कुशवाहा और राजद की बीमा भारती के साथ पप्पू यादव के बीच कांटे की टक्कर है.
छत्तीसगढ़ में 3 सीटों के लिए 41 प्रत्याशी
छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को तीन लोकसभा सीटों राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर के लिए मतदान होना है. इस दौरान कुल 41 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें राजनांदगांव से कुल 15 प्रत्याशियों में से 13 पुरुष, दो महिला, महासमुंद से 17 प्रत्याशियों में से 16 पुरुष और एक महिला व कांकेर से नौ प्रत्याशियों में नौ पुरुष प्रत्याशी शामिल हैं. कुल 52 लाख से अधिक मतदाता चुनाव में मतदान के लिए पात्र हैं.
राजस्थान की 13 में से 5 सीटों पर रोमांचक मुकाबला
दूसरे चरण में राजस्थान में 13 सीटों पर मतदान होने वाला है. इसमें 5 सीटें सबसे अहम है.पहली जोधपुर लोकसभा सीट है. जिस पर बीजेपी की ओर से गजेंद्र सिंह शेखावत है और कांग्रेस की ओर से करण सिंह उजियारड़ा है. वहीं कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर बीजेपी के ओम बिरला और कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल के बीच टक्कर है. जालोर-सिरोही सीट पर कांग्रेस से अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत है जबकि बीजेपी की ओर से लुंबाराम चौधरी मैदान में हैं. इसके अलावा बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट और बारमेर-जैसलमेर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है.
बंगाल में सबसे ज्यादा प्रत्याशी रायगंज से
पश्चिम बंगाल की जिन तीन सीटों पर 26 अप्रैल को वोटिंग है, उनमें दार्जिलिंग, बालुरघाट और रायगंज शामिल हैं. दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल की तीन सीटों में से सबसे ज्यादा प्रत्याशी रायगंज से चुनाव लड़ रहे हैं. यहां 20 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है. इनमें 10 निर्दलीय है. दार्जिलिंग सीट पर 14 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है. इनमें 5 निर्दलीय है. बालूरघाट सीट से 13 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है. इनमें 4 निर्दलीय हैं.
जम्मू-कश्मीर में रोचक मुकाबला
जम्मू में लड़ाई रोचक है. यहां से जुगल किशोर शर्मा बीजेपी की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. वह बीजेपी के मौजूदा सांसद भी हैं. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी और लगातार दो बार से सांसद हैं. इस लिहाज से वो बीजेपी के टिकट से तीसरी बार चुनावी मैदान में है। वहीं, रमन भल्ला कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. वह, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष हैं. पार्टी ने इस बार लोकसभा का टिकट देकर दांव खेला है.
महाराष्ट्र में इन आठ क्षेत्रों में सभी की निगाहें
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में सभी की निगाहें आठ निर्वाचन क्षेत्रों अकोला, अमरावती, बुलढाणा, वर्धा, यवतमाल-वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी पर टिकी हैं. इनमें से पांच सीटें पश्चिमी विदर्भ की हैं और तीन सीटें मराठवाड़ा में आती हैं. हालांकि, पश्चिमी विदर्भ की सीटों अमरावती, अकोला, बुलढाणा, वर्धा और यवतमाल-वाशिम के उम्मीदवारों के एक-दूसरे के खिलाफ खड़े होने की संभावना रणनीतिक रूप से उनके जाति समीकरणों पर आधारित है.
मध्य प्रदेश में कांटे की टक्कर
दूसरे चरण में टीकमगढ़, दमोह, सतना, रीवा, खजुराहो और होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के लिए मतदान होना है. पांच सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवार सीधे तौर पर टक्कर में हैं लेकिन खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में कोई भी प्रमुख विपक्षी दल का नेता BJP के सामने नहीं है. इन सीटों में कुल एक करोड़ 11 लाख 62 हजार 460 मतदाता हैं. इन 6 सीटों पर 80 उम्मीदवार का भाग्य लिखा जाएगा. 80 में 75 पुरुष उम्मीदवार, 4 महिला उम्मीदवार और एक थर्ड जेंडर उम्मीदवार हैं.
बीजेपी का मजबूत किला कर्नाटक
प्रदेश की 14 सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होना है.कर्नाटक को दक्षिण भारत में बीजेपी का सबसे मजबूत किला माना जाता है.मोदी लहर ही नहीं बल्कि यूपीए सरकार के दौरान भी कर्नाटक में भले ही किसी दल की सरकार रही हो लेकिन लोकसभा के चुनाव में बीजेपी का ही पल्ला भारी रहा है. 2019 में बीजेपी ने प्रदेश की 28 में से 25 सीटें जीती थी तो कांग्रेस और जेडीएस को एक-एक सीट मिली थी. 2014 में बीजेपी 17 और कांग्रेस 9 सीटें जीती थी. 2009 में बीजेपी को 19 और कांग्रेस को 6 सीटें मिली थीं. 2004 में बीजेपी 18 और कांग्रेस 8 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
दांव पर इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा
अरुण गोविलः बीजेपी ने तीन बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल की जगह मेरठ सीट से इस बार अरुण गोविल को टिकट दिया है. अरुण गोविल रामायण टीवी श्रृंखला में भगवान राम के चरित्र को चित्रित करने के लिए मशहूर हैं.बीजेपी के इस कदम से विपक्षियों को असमंजस में डाल दिया. लिहाजा समाजवादी पार्टी ने तो दो बार प्रत्याशी बदल डाले. बता दें, यहां गोविल के खिलाफ बीएसपी के देवव्रत कुमार त्यागी और एसपी की सुनीता वर्मा मैदान में हैं.
राहुल गांधीः गांधी केरल के वायनाड से मौजूदा सांसद हैं और फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला सीपीआई के एनी राजा और बीजेपी के के सुरेंद्रन से है. 2019 के चुनावों की बात करें तो गांधी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, सीपीआई के पीपी सुनीर के खिलाफ 7 लाख से अधिक वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की. पिछले पांच साल तक कांग्रेस से साथ मिलकर इंडिया का हिस्सा रही सीपीआई को राहुल गांधी के खिलाफ मुद्दा तलाशने में परेशानी हो सकती है.
शशि थरूरः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर चौथी बार तिरुवनंतपुरम सीट बरकरार रखने की उम्मीद से मैदान में हैं. उनका मुकाबला बीजेपी के केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और सीपीआई के पन्नयन रवींद्रन से है. शशि थरूर ने भले ही इस सीट से 3 बार जीत दर्ज की हो लेकिन बीजेपी ने हर बार उन्हें चुनौती दी है. 2019 के लोकसभा चुनावों में थरूर ने बीजेपी प्रत्याशी के.राजशेखरन को लगभग एक लाख वोटों के अंतर से हराया था लेकिन 2014 के चुनावों में थरूर ने बीजेपी प्रत्याशी ओ. राजगोपाल से करीब 15 हजार वोटों के अंतर से ही बाजी मारी थी.
हेमा मालिनीः 2014 से मथुरा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली हेमा मालिनी कांग्रेस के मुकेश धनगर के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. बता दें, यहां से जाट समुदाय के ही ज्यादातर सांसद बने हैं. 2014 और 2019 के चुनाव में जीत हासिल कर हेमा मालिनी लगातार दो बार सांसद बनीं. बसपा ने भी जाट सुरेश सिंह को चुनाव में उतारकर जातीय समीकरण साधने के लिए बिसात बिछाई है तो कांग्रेस ने भी धनगर (बघेल) समुदाय को शामिल कर जाति की बिसात बिछाई.
ओम बिड़लाः कोटा से दो बार सांसद रहे ओम बिड़ला का मुकाबला कांग्रेस पार्टी के प्रह्लाद गुंजल से है. दो बार विधायक रहे गुंजल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे हैं. बिरला से नाराजगी के चलते कट्टर हिंदूवादी पृष्ठभूमि के गुंजल चुनाव की घोषणा के साथ ही बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. दो पुराने साथियों के आमने-सामने चुनाव लड़ने के कारण राजनीतिक पंडितों की नजरें इस सीट पर टिकी हुई हैं.
गजेंद्र सिंह शेखावतः केंद्रीय मंत्री शेखावत जोधपुर सीट से तीसरी जीत की उम्मीद कर रहे हैं जबकि कांग्रेस उम्मीदवार करण सिंह उचियारदा बीजेपी उम्मीदवार के काम में बाधा डालने की कोशिश करेंगे. बता दें, कांग्रेस को इस सीट पर 8 बार जीत मिली जबकि बीजेपी ने 5 बार जीत हासिल की है. फिलहाल पिछले 10 सालों से जोधपुर सीट पर बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी उम्मीदवार शेखावत मोदी सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं. यह राजपूत बाहुल्य सीट है और इस बार दोनों प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार इसी समुदाय के हैं.
भूपेश बघेलः छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल 30 साल से अधिक समय से बीजेपी का गढ़ रहे राजनांदगांव से चुनाव लड़ रहे हैं. बघेल का मुकाबला बीजेपी के संतोष पांडे से है जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह के बाद बीजेपी से जीत हासिल की थी. बता दें, पिछली बार संतोष पांडेय ने कांग्रेस के प्रत्याशी भोलाराम साहू को एक लाख से अधिक मतों से पराजित किया था.
5 करोड़ से ज्यादा है उम्मीदवारों की औसत संपत्ति
दूसरे चरण में 140 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनकी औसत संपत्ति पांच करोड़ रुपये से अधिक है. इनमें छह उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य घोषित की है. इस चरण के सबसे रईस प्रत्याशियों में कर्नाटक से कांग्रेस के उम्मीदवार वेंकटरमण गौड़ा है. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक उनके पास 622 करोड़ रुपये से अधिक की कुल संपत्ति है. वहीं दूसरे नंबर पर बेंगलुरू ग्रामीण सीट से किस्मत आजमा रहे कांग्रेस उम्मीदवार डीके सुरेश हैं. इनकी कुल संपत्ति 593 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
इसके अलावा अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी के पास 278 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है. यह यूपी में दूसरे चरण के सभी उम्मीदवारों की संपत्ति से ज्यादा है. वहीं महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी लक्ष्मण नागोराव पाटिल के पास सबसे कम संपत्ति है. हलफनामे में इन्होंने कुल संपत्ति 500 रुपये घोषित की है. दूसरे स्थान पर राजेश्वरी केआर हैं. कासरगोड से निर्दलीय प्रत्याशी राजेश्वरी के पास कुल संपत्ति एक हजार रुपये बताई है.
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