महाराष्ट्र में 30 अक्टूबर को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बीजेपी विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. फडणवीस ने कहा, ‘अफवाहों पर ध्यान न दें महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनेगी.’
बता दें कि बीजेपी की विधायक दल की बैठक में फडणवीस के नाम का प्रस्ताव पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने रखा.
महाराष्ट्र में 30 अक्टूबर को एनसीपी के विधायक दल की भी बैठक है. वहीं शिवसेना 31 अक्टूबर को विधायक दल की बैठक करेगी. राज्य में बीजेपी-शिवसेना के बीच खींचतान को अभी तक सरकार बनाने की दिशा में स्थिति साफ नहीं हुई है.
इसी महीने हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे दावा कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सत्ता साझेदारी के 50:50 फॉर्मूले पर सहमत हुए थे.
बता दें कि इस बार शिवसेना के साथ गठबंधन में लड़ी बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा की 105 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं शिवसेना के खाते में 56 सीटें आई हैं. बात विपक्षी गठबंधन की करें तो कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं, जबकि एनसीपी को 54 सीटों पर जीत हासिल हुई है. 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 का है.
हाल ही में उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में हुई शिवसेना विधायकों की बैठक के बाद पार्टी विधायक प्रताप सरनायक ने कहा था, ''हमारी बैठक में फैसला किया गया है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले अमित शाह ने जिस तरह 50-50 फॉर्मूले का वादा किया था. उसी तरह दोनों पार्टियों (बीजेपी और शिवसेना) को 2.5-2.5 साल के लिए सीएम पद मिलना चाहिए.''
हालांकि 29 अक्टूबर को फडणवीस ने कहा,
‘’मैंने अमित शाह से पुष्टि की और उन्होंने मुझे बताया कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले जब गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था तब बीजेपी ने शिवसेना को 2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री पद के बारे में कोई आश्वासन नहीं दिया था.’’ इसके अलावा फडणवीस ने कहा ‘‘अगले 5 सालों के लिए बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनेगी और इसे लेकर किसी को भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए. ’’देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र
वहीं, इस मामले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटिल ने 29 अक्टूबर को कहा, "हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 50:50 फॉर्मूले को आखिरी रूप देंगे." न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बताया है कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी-शिवसेना के बीच गठबंधन को लेकर हुई बातचीत में "सत्ता के समान वितरण को लेकर सहमति बनी थी ना कि मुख्यमंत्री पद को लेकर." वहीं, शिवसेना के सूत्रों ने दावा किया है कि इस फॉर्मूले में दोनों दलों के बीच बारी-बारी से अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री बनाने पर भी सहमति बनी थी.
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