महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मामला काफी दिलचस्प हो गया है. बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में अब कमान शिवसेना ने संभाल ली है और बीजेपी को उसका वादा याद दिला रही है. सरकार बनाने को लेकर बीजेपी को अब मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उधर कांग्रेस-एनसीपी भी मौके की तलाश में बैठी है. इसी खींचतान के बीच अब खबर है कि अपने नंबर बढ़ाने की कोशिश शुरू हो चुकी है. इसके लिए निर्दलीय विधायकों को साधा जा रहा है.
बीजेपी और शिवसेना निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों को अपने पाले में खींचने की कोशिश कर रहे हैं. इसी के तहत कुछ निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी का समर्थन करने का फैसला किया है. बीजेपी को समर्थन की घोषणा करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों में गीता जैन, राजेंद्र राउत और रवि राणा शामिल हैं.
बीजेपी को मिला बागियों का साथ
ठाणे जिले की मीरा भयंदर सीट से जीतीं गीता जैन ने यहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया. विधानसभा चुनाव में वह बीजेपी से टिकट चाहती थीं और वह नहीं मिलने पर 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में निर्दलीय खड़ी हो गई थी. जैन ने पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र मेहता को हरा दिया था. राउत भी बीजेपी के बागी उम्मीदवार थे और उन्होंने सोलापुर जिले की बरसी सीट से शिवसेना के प्रत्याशी दिलीप सोपाल को हरा दिया था. राणा ने अमरावती जिले के बडनेरा सीट पर अपने निकटवर्ती प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी प्रीति बंद (शिवसेना) को हराया. जैन और राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की जबकि राणा ने चिट्ठी लिखकर यह घोषणा की.
बता दें कि नतीजों में 2014 के मुकाबले बीजेपी की कम सीटें आने के बाद से शिवसेना ने अपना रुख कड़ा कर लिया है, शिवसेना अब बीजेपी को उसका 50-50 वाला वादा याद दिला रही है और ढाई-ढाई साल सरकार चलाने की मांग कर रही है. जिसके बाद बीजेपी फिलहाल पशोपेश में है.
शिवसेना को मिला इनका समर्थन
इससे पहले, अचलपुर से विधायक बाच्चु काडु और उनके सहयोगी एवं मेलघाट से विधायक राजकुमार पटेल ने शिवसेना को समर्थन देने की पेशकश की. दोनों सीटें विदर्भ के अमरावती जिले की हैं. काडु प्रहर जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं. जैन से जब बहुजन विकास अगाड़ी प्रमुख एवं वसई से विधायक हितेंद्र ठाकुर से शनिवार को की उनकी मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह चुनाव प्रचार में सहयोग के लिए धन्यवाद देने गई थीं.
जब काडु के समर्थन के बारे में पूछा गया तो शिवसेना के नेता ने कहा कि इससे पार्टी की बीजेपी के साथ तोलमोल करने की ताकत बढ़ेगी. उन्होंने कहा, ‘‘हमने 2014-19 के दौरान बीजेपी के साथ समायोजन किया लेकिन अब यह समय अपनी हिस्सेदारी प्राप्त करने का है.’’
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