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Maharashtra: शरद-अजित पवार 'पावर' जुटा रहे,एकनाथ शिंदे अपने नेता संभालने में लगे

Maharashtra: दोनों तरफ से बैठक में व्हिप जारी किए गए और सभी विधायकों, सांसदों, नेताओं को मौजूद रहने के लिए कहा गया

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी NCP का असली बॉस कौन? NCP किसकी है? नेता, विधायक, कार्यकर्ता किसके साथ हैं? इन सवालों के जवाब ढूंढ़ने और अपनी ताकत दिखाने के लिए आज यानी 5 जुलाई 2023 को शरद पवार और अजित पवार दोनों ने अपनी अलग अलग बैठक बुलाई है.

महाराष्ट्र (Maharashtra) में एनसीपी नेता अजित पवार (Ajit Pawar) का अपने चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) से बगावत और शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल होने के बाद ये पहली और अहम बैठक हो रही है.

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इस बैठक में दोनों ही तरफ से व्हिप जारी किए गए और सभी विधायकों, सांसदों और नेताओं को मौजूद रहने के लिए कहा गया. इसके अलावा दोनों खेमों की तरफ से दावा किया जा रहा है कि ज्यादातर विधायक उनके साथ हैं.

अजित पवार वाले समूह की बैठक मुंबई एजुकेशन सेंटर में बुलाई गई है तो शरद पवार वाले गुट ने वाईबी चव्हान सेंटर में मीटिंग रखी है. इसके साथ ही बैठक से पहले वाईबी चव्हान सेंटर के बाहर भारी संख्या में शरद पवार के समर्थक और कार्यकर्ता जमा हो गए. जहां एक तरफ शरद गुट के कार्यकर्ताओं ने अपने हाथ में मोदी विरोधी पोस्टर लहराए तो वहीं दूसरी ओर अजित पवार गुट की मीटिंग के स्टेज पर शरद पवार की बड़ी सी तस्वीर लगी हुई है.

दोनों गुटों के अपने-अपने दावे

वाईबी चव्हान सेंटर में अनिल देशमुख, सुप्रिया सुले समेत कई बड़े नेता देखने को मिल रहे हैं, लेकिन कुछ चेहरों को देखकर हैरानी भी हुई.

अजित पवार के करीबी और निर्दलीय विधायक देवेंद्र भूयार शरद पवार से मिलने वाईबी चव्हान सेंटर पहुंचे. इसके अलावा शिरूर से NCP विधायक अशोक पवार भी शरद पवार के साथ दिखाई दिए, जबकि वे शपथ ग्रहण समारोह में अजित पवार के साथ दिखे थे.

दूसरी तरफ अजित पवार द्वारा नामित NCP के प्रदेश अध्यक्ष सुनील टटकरे ने दावा किया कि ज्यादातर विधायक उप मुख्यमंत्री अजित पवार के साथ हैं.

शरद पवार को समर्थन देने 11 विधायक वाईबी चव्हाण सेंटर पहुंचे

फिलहाल, शरद पवार को समर्थन देने के लिए ग्यारह विधायक वाईबी चव्हाण केंद्र पहुंच चुके हैं.

  • जीतेन्द्र अव्हाड

  • अनिल देशमुख

  • राजेंद्र शिंगणे

  • प्राजक्त तनपुरे

  • बालासाहेब पाटिल

  • अशोक पवार

  • किरण लाहमाते

  • जयन्त पाटिल

  • सुमनताई पाटिल

  • रोहित पवार

  • चेतन तुपे

शरद पवार खेमे से NCP विधायक और प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि उन्हें 45 विधायकों के बैठक में पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि, "जो 9 विधायक शिंदे बीजेपी सरकार में शामिल हो गए हैं उन्हें छोड़कर बाकी 45 विधायकों के हमारी मीटिंग में पहुंचने की उम्मीद है." अजित पवार खेमे के अनिल पाटिल (चीफ व्हिप) ने दावा किया है कि उनके साथ 40 से ज्यादा विधायक हैं.

विधायकों से एफिडेविट साइन करावाया जा रहा

अजित पवार की बैठक में शामिल होने वाले विधायकों, नेताओं, सांसदों से एक एफिडेविट साइन करवाया जा रहा है. इस एफिडेविट में लिखा है कि वे अजित पवार के एनसीपी खेमे का समर्थन करते हैं. ये एक तरह का दस्तावेजी सबूत है जो आने वाले दिनों में कोर्ट के भीतर कानूनी लड़ाई और चुनाव आयोग के सामने दावा पेश करने में अहम भूमिका निभा सकता है.

अनुमान लगाया जा रहा है कि अजित पवार का खेमा जल्द ही चुनाव आयोग के सामने पार्टी के चिन्ह और नाम पर दावा कर सकता है. पिछले साल शिवसेना में टूट के बाद भी दोनों गुटों के नेताओं से एफिडेविट साइन करवाए गए थे.
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एकनाथ शिंदे अपने विधायकों को संभालने में लगे

पिछले साल उद्धव ठाकरे से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले शिवसेना नेता और वर्तमान में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अब अपने पार्टी में लोगों को संभालने में जुट गए हैं. उन्होंने अपने आधिकारिक निवास वर्षा बंगले पर विधायकों और अन्य पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई और उन्हें विश्वास में लेने की कोशिश की.

ऐसा कहा जा रहा है कि एनसीपी से बड़ी संख्या में नेताओं को सरकार में शामिल करने के बाद अब एकनाथ शिंदे गुट के कुछ नेता नाराज हैं. उन्हें डर है कि शायद उन्हें सरकार में अपना हक नहीं मिल पाएगा. शिवसेना (एकनाथ शिंदे) नेता संजय शिरसाट ने कहा है,

"एनसीपी के हमारे साथ आने के बाद, हमारे कुछ लोग नाराज थे, क्योंकि हमारे कुछ नेताओं को उनके पसंद का पद नहीं मिल पाएगा. यह सच नहीं है कि हमारे सभी नेता एनसीपी के हमारे साथ आने से खुश हैं. हमने सीएम और डिप्टी सीएम को सूचित कर दिया है और उन्हें इस मुद्दे को हल करना होगा. हम हमेशा एनसीपी के खिलाफ थे और आज भी हैं. हम शरद पवार के खिलाफ हैं."
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कांग्रेस, शिवसेना (UBT) ने क्या कहा?

शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, "जिस तरह से अजीत पवार को लाया गया है इसकी जरूरत नहीं थी. पूरा बहुमत उनके (BJP-शिंदे सरकार) पास था, 170 तक उनका आंकड़ा हो गया था फिर भी अजित पवार जैसे वरिष्ठ नेता और कुछ विधायक को उनके सामने लाकर शिंदे गुट के सामने चुनौती दी है, शिंदे गुट का पावर खत्म कर दिया. आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री बदल सकता है."

कांग्रेस की तरफ से पार्टी के प्रवक्ता प्रमोद तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि "शरद पवार एनसीपी के संस्थापक हैं. (एनसीपी) का नंबर गेम स्पष्ट होने में अभी कुछ समय है, लेकिन अजित पवार के समर्थकों ने जो किया है, उसे महाराष्ट्र की जनता माफ नहीं करेगी."

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विधायकों की संख्या पर सारा खेल

आज शरद पवार और अजित पवार दोनों की बैठक में सबकी नजर विधायकों की संख्या पर रहेगी. फिलहाल एनसीपी के महाराष्ट्र में 54 विधायक हैं और अजित पवार के खेमे को दल-बदल कानून से बचने के लिए दो तिहाई यानी 36 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.

यदि वे इतने विधायक अपने पाले में करने में कामयाब नहीं होते तो न सिर्फ विधायकों की विधायकी जाएगी, बल्कि कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

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