महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्ता की लड़ाई अस्तित्व की लड़ाई में बदलती दिख रही है. सूबे में जारी सियासी घमासान (Maharashtra Political Crisis) चुनाव आयोग तक पहुंच गया है. अब विवाद 'बाला साहेब' और 'शिवसेना' के नाम को लेकर है. शिवसेना (Shiv Sena) की ओर से पार्टी के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के नाम के दुरुपयोग को लेकर चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा गया है. वहीं खबर है कि शिवसेना के 38 बागी विधायक एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की अगुवाई में 'शिवसेना बाला साहेब' नाम से नई पार्टी बना सकते हैं.
शिवसेना ने EC को लिखी चिट्ठी
शिवसेना ने बाला साहेब के नाम के दुरुपयोग के खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र लिखा दिया है. शिवसेना की ओर से लिखी चिट्ठी में आशंका जताई गई है कि बागी विधायक 'शिवसेना' या 'बाला साहेब' के नाम का दुरुपयोग कर एक नई राजनीतिक पार्टी की स्थापना कर भ्रम की स्थिति पैदा कर सकते हैं.
शिवसेना राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संजय राउत ने कहा कि, "बालासाहेब ठाकरे का नाम अगर कोई अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करता है तो हमें ये मंजूर नहीं, उसपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी."
बैठक में बागी विधायकों के खिलाफ पार्टी ने कड़ा फैसला लिया है. उद्धव ने कहा कि एकनाथ अब दास बन गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग छोड़कर गए हैं अगर उनमें दम है तो अपने बाप के नाम पर वोट मांग कर दिखाएं.
हम अभी भी शिवसेना में हैं- शिंदे गुट
संजय राउत के बयान पर बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि, "उन्होंने जो बात कही हम इस बारे में जरूर सोचेंगे. हमारा नाम तो शिवसेना ही है, अगर उन्हें लगता है कि उसमें कुछ नहीं जोड़ना है तो हम उसको शिवसेना बोलेंगे, हम उनका आदर करेंगे."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, "हम अभी भी शिवसेना में हैं, गलतफहमी है कि हमने पार्टी छोड़ दी है. हमने अभी अपने गुट को अलग किया है. हमारे पास दो तिहाई बहुमत है. उनके पास 16-17 से ज्यादा विधायक नहीं थे."
बागी विधायकों को नोटिस, शिंदे गुट ने कहा- जाएंगे कोर्ट
बागी विधायकों को डबल झटका लगा है. डिप्टी स्पीकर कार्यालय ने एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों को नोटिस जारी किया है. सभी को 27 जून शाम साढे़ 5 बजे तक जवाब देने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल न होने पर पार्टी ने भी सभी को नोटिस जारी किया है. पार्टी व्हिप सुनील प्रभु ने सभी 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का नोटिस जारी कर दिया है.
डिप्टी स्पीकर के नोटिस के बाद बागी विधायकों की ओर से दीपक केसरकर ने कहा कि, "हमारे गुट को मान्यता दी जानी चाहिए. अगर यह नहीं दिया गया तो हम अदालत जाएंगे और अपना अस्तित्व और संख्या साबित करेंगे. हमारे पास संख्या है, लेकिन हम सीएम उद्धव ठाकरे का सम्मान करते हैं, हम उनके खिलाफ नहीं बोलेंगे."
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