महाराष्ट्र (Maharashtra) में राजनीतिक संकट तो खत्म हो गया है. लेकिन शिवसेना की अंदरुनी लड़ाई अभी भी जारी है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और बागी एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) आमने-सामने हैं. शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पार्टी के नेता पद से हटा दिया है. उद्धव ठाकरे की ओर से लिखे पत्र में शिंदे पर 'पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और पार्टी तोड़ने की कोशिश' करने का आरोप लगाया है.
शिवसेना में ठाकरे बनाम शिंदे
एकनाथ शिंदे को लिखे पत्र में शिवसेना सुप्रीमो ने कहा कि शिंदे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं और उन्होंने स्वेच्छा से अपनी सदस्यता छोड़ दी है.
उद्धव ठाकरे द्वारा साइन की गई चिट्ठी में कहा गया है, "शिवसेना पक्ष प्रमुख के रूप में मुझे मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं आपको पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटाता हूं."
हालांकि, इससे पहले एकनाथ शिंदे कई बार कह चुके हैं उन्हें शिवसेना नहीं छोड़ी है. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया था कि वही शिवसेना के नेता हैं. क्योंकि ठाकरे खेमा अल्पसंख्यक की स्थिति में है.
शिवसेना सांसद बदल सकते हैं पाला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी के एक केंद्रीय मंत्री ने दावा किया है कि शिवसेना में बगावत का असर सांसदों पर भी पड़ सकता है. केंद्रीय मंत्री का दावा है कि शिवसेना के 19 सांसदों में कम से कम एक दर्जन सांसद पाला बदलने के लिए तैयार हैं.
आपको बता दें कि शुक्रवार शाम को उद्धव ठाकरे ने शिवसेना सांसदों की बुलाई थी. लेकिन इस बैठक में तीन सांसद मौजूद नहीं थे. एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे, भावना गवली और ठाणे से सांसद राजन विचारे मीटिंग में नहीं पहुंचे थे.
शिंदे पर उद्धव ने साधा निशाना
एकनाथ शिंदे को शिवसेना नेता पद से हटाने से पहले शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने उनपर जमकर निशाना साधा. उद्धव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, ये जो कहा जा रहा है कि सीएम शिवसेना का है, वो गलत है. शिंदे शिवसेना (Shiv Sena) के सीएम नहीं हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार बनी है और एक तथाकथित शिवसेना कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया है, मैंने अमित शाह जी से यही कहा था. ये सम्मानपूर्वक किया जा सकता था. शिवसेना आधिकारिक तौर पर (उस समय) आपके साथ थी. यह मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) शिवसेना के नहीं हैं.
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