पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुआ आतंकवादी हमले पर ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने संदेह जताया कि ऐन चुनाव के पहले ही ये हमला क्यों हुआ?
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश को सांप्रदायिक दंगों में झोंक देना चाहती है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार से पूछा..
पाकिस्तान के खिलाफ 5 साल से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? चुनाव के वक्त ही ये मुद्दा क्यों गरमाया जा रहा है? चुनाव करीब हैं और ऐसे मौके पर पुलवामा में हमला संदेह पैदा करता है?
ममता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र सरकार को उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया है. लेकिन अगर बीजेपी-आरएसएस ने इस मौके पर दंगे भड़काने की कोशिश की तो देश माफ नहीं करेगा.
ममता बनर्जी के गंभीर आरोप
- पुलवामा हमला चुनाव के वक्त ही क्यों हुआ?
- सरकार ने पांच साल में पाकिस्तान के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
- आतंकवादी हमले के खुफिया अलर्ट के बावजूद 2000 से ज्यादा जवानों को एक साथ 78 गाड़ियों के काफिले में सड़क मार्ग के जरिए क्यों ले जाया जा रहा था.
- कुछ लोग दंगा करने की कोशिश कर रहे हैं, इसका क्या मतलब है?
- अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनावों से पहले हिंसा हो सकती हैं, क्या ये सही है?
- जब खुफिया एजेंसियों ने पहले से अलर्ट किया था, तो सावधानी क्यों नहीं बरती गई?
- CRPF ने जवानों को एयरलिफ्ट कराए जाने का आग्रह किया था, फिर ऐसा क्यों नहीं किया गया?
ममता ने संघ और बीजेपी पर भी साधा निशाना
ममता बनर्जी ने कहा कि जो लोग पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन बीजेपी और आरएसस इस मौके पर दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, अगर ऐसा हुआ तो देश माफ नहीं करेगा.
CRPF को पहले ही दे दी गई थी IED हमले की चेतावनी
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक के एक पत्र के मुताबिक, कश्मीर पुलिस ने आठ फरवरी को ही सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, सेना और वायु सेना को आईईडी हमले की संभावना की खुफिया सूचना दे दी थी.
हालांकि, यह पता नहीं चला है कि चेतावनी जारी होने के बावजूद सीआरपीएफ ने 2,547 सुरक्षा बलों के साथ 78 वाहनों के काफिले को जम्मू स्थित आवाजाही शिविर से 270 किलोमीटर दूर स्थित श्रीनगर जाने की अनुमति क्यों दे दी?
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक के हवाले से भेजी गई खुफिया जानकारी में सुरक्षा एजेंसियों को किसी स्थान पर जाने या तैनाती से पहले उस स्थान को सही से जांचने के लिए कहा गया था क्योंकि खुफिया जानकारी में आईईडी के उपयोग की संभावना जताई गई थी.
पुलवामा हमले में शहीद हो गए थे 40 जवान
बीती 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए एक आत्मघाती आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 45 जवान शहीद हो गए थे. गुरुवार दोपहर जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने आईईडी से भरे अपने वाहन को सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही एक बस से टकरा दिया था.
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