पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के उस बयान का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदर्शन करने वालों को कपड़ों से पहचाना जा सकता है. ममता बनर्जी ने कहा कि आप कैसे कपड़ों से किसी का धर्म पहचान सकते हैं. इसके अलावा ममता ने एक बार फिर एनआरसी को लेकर बयान दिया. उन्होंने फिर दोहराया कि एनआरसी लोगों में खौफ पैदा कर रहा है, इससे कई लोगों की जानें जा सकती हैं. उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में करीब 30 लोगों ने एनआरसी के डर से आत्महत्या कर ली. इसकी जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा?
ममता बनर्जी ने इस दौरान पीएम मोदी के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदर्शन करने वालों को उनके कपड़ों से पहचाना जा सकता है. इस पर ममता ने कहा-
“किसी भी उपद्रवी या फिर प्रदर्शनकारी को उसके पहनावे से नहीं पहचाना जा सकता है. टोपी पहनने का मतलब ये नहीं है कि आप मुस्लिम हैं. क्या आप मेरे कपड़े देखकर बता सकते हैं कि मैं कौन हूं?”
'राज्यों पर थोपे जा रहे कानून'
ममता बनर्जी ने नागरिकता कानून का भी जिक्र किया और केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ मामूली घटनाओं के बाद केंद्र ने बंगाल की रेलवे सर्विस रोक दी. ममता ने कहा कि बीजेपी के पास संसद में ज्यादा सदस्य हैं इसका मतलब ये नहीं है कि वो राज्यों पर कोई भी कानून थोप सकती है. ममता ने कहा कि बंगाल में रेलवे सर्विस ठप कर दी गई है. यह रेलवे पुलिस की जिम्मेदारी है कि वो रेलवे प्रॉपर्टी की सुरक्षा करें और हम भी उनका पूरा सपोर्ट कर रहे हैं.
टीएमसी प्रमुख ने कहा कि उपद्रव फैलाने वाले करीब 600 लोगों को हमने गिरफ्तार किया है. मैं रेलवे और केंद्र सरकार से गुजारिश करती हूं कि सभी सेवाओं को बहाल किया जाए. इसके अलावा ममता ने दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ हुई मारपीट पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा,
बीजेपी पूरे देशभर में हिंसा फैलाने की कोशिश कर रही है. यूनिवर्सिटी के छात्रों पर इस तरह का टॉर्चर काफी अनोखा है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ बीजेपी ने नागरिकता बिल को संसद से काफी जल्दबाजी में पास कराया है. बीजेपी ने विपक्षी दलों को संशोधित नागरिकता कानून पर विचार-विमर्श करने का वक्त ही नहीं दिया, इसे जल्दबाजी में पारित करवाया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)