पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) ने गुरुवार 23 दिसंबर को कहा कि वो केंद्र सरकार (Union Govt) द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होंगी. केंद्र की ये बैठक शुक्रवार, 24 दिसंबर को होगी. ममता बनर्जी ने नाराजगी के चलते ये फैसला लिया है.
केंद्र सरकार ने यह बैठक स्वतंत्रता की 75वीं सालगिरह के मौके पर अगले साल 15 अगस्त को फिलॉसॉफर और क्रांतिकारी नेता महर्षि ऑर्बिंदो की जयंती मनाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए बुलाई है.
पीएम के साथ बैठक में नहीं मिला बोलने का मौका
ऐसा माना जा रहा है कि उनका फैसला एक दिन पहले प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों का साथ में बैठक के दौरान उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया था इससे प्रेरित है, बोलने का मौका न मिल पाने की वजह से वो नाराज हो गईं और अब उन्होंने केंद्र की बैठक में शामिल न होने का फैसला लिया है.
ममता ने कोलकाता में सरकारी अधिकारियों और प्रसिद्ध लोगों की एक बैठक में कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोहों को लेकर वह पीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में अपनी राय रखतीं, यदि उन्हें बोलने का मौका दिया जाता.
ममता ने मुख्य सचिव एचके द्विवेदी से कहा कि, "हर चीज का राजनीतिकरण करना ठीक नहीं है. मैं कल की बैठक में शामिल नहीं हो पाऊंगी क्योंकि हम पहले ही ऋषि ऑर्बिंदो पर कई कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर चुके हैं. कृपया पत्र लिखकर सूचित करें कि मैं बैठक में शामिल नहीं रह पाऊंगी."
बैठक में मौजूद प्रख्यात पेंटर जोगेन चौधरी ने भी पीएम के साथ हुई बैठक में सीएम ममता के साथ किए गए व्यवहार को लेकर विरोध जताया साथ ही कवि जय गोस्वामी ने भी इस बात का विरोध किया.
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