बीएसपी चीफ मायावती लगातार प्रियंका गांधी पर हमलावर हैं. एक बार फिर उन्होंने प्रियंका गांधी पर हमला करते हुए घड़ियाली आंसू बहाने वाला बताया है. उन्होंने राजस्थान के कोटा में 100 बच्चों की मौत के मामले पर कांग्रेस पार्टी और खासकर प्रियंका गांधी पर सवाल दागे हैं.
मायावती ने कहा,
“कांग्रेस की नेता यूपी में तो आए दिन घड़ियाली आंसू बहाने आ जाती है. लेकिन राजस्थान में कल वह अपने निजी कार्यक्रम के दौरान अपना थोड़ा भी समय कोटा में उन बच्चों की मांओं के आंसू पोछने के लिए देना उचित नहीं समझती हैं, जबकि वह भी एक मां है, यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है.”मायावती, अध्यक्ष, बीएसपी
बता दें कि इससे पहले भी मायावती ने प्रियंका गांधी के लिए राजनैतिक स्वार्थ और कोरी नाटकबाजी जैसे शब्द का इस्तेमाल किया था.
प्रियंका गांधी ने भी दिया था जवाब
4 जनवरी को प्रियंका गांधी जब मेरठ दौरे पर थीं तब पत्रकारों ने उनसे मायावती के इस बयान पर सवाल पूछा था, तब प्रियंका ने जवाब में कहा था, "उनको निकलना चाहिए, उन्हें जाना चाहिए पीड़ितों से मिलने."
प्रियंका गांधी गई थीं जयपुर
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी शुक्रवार को जयपुर गईं थीं. प्रियंका ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव जुबेर खान के बेटे के निकाह में शामिल होने जयपुर पहुंची थीं.
मायावती के कटाक्ष के पीछे की कहानी
दरअसल, राजस्थान के कोटा में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है. राजस्थान में फिलहाल कांग्रेस की सरकार है इस वजह से बीजेपी से लेकर दूसरी पार्टियां कांग्रेस और सीएम अशोक गहलोत पर सवाल उठा रहे हैं. इसी को देखते हुए बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने प्रियंका गांधी से सवाल किया है.
मायावती ने कहा,
“बीएसपी किसी भी मामले में कांग्रेस, बीजेपी और अन्य पार्टियों की तरह अपना दोहरा मापदण्ड अपनाकर घटिया राजनीति नहीं करती है. जिसके कारण ही आज पूरे देश में हर तरफ किसी ना किसी मामले को लेकर हिंसा, तनाव व अशान्ति आदि व्याप्त है. लेकिन ऐसे माहौल में भी अन्य पार्टियों की तरह कांग्रेस पार्टी भी अपने आपको बदलने को तैयार नहीं है, जिसका ताजा उदाहरण कांग्रेसी शासित राजस्थान के कोटा अस्पताल में वहां सरकारी लापरवाही के कारण बड़ी संख्या में मासूम बच्चों की हुई मौत का मामला है.”
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से प्रियंका गांधी यूपी की राजनीति में काफी एक्टिव नजर आ रही हैं. चाहे सोनभद्र में जातीय हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार से मिलना हो या फिर नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने पर जेल गए लोगों के परिवार से लखनऊ जाकर मिलना हो.
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