जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को 13 अक्टूबर की शाम हिरासत से रिहा कर दिया गया. 14 अक्टूबर को उनका एक ऑडियो मैसेज सामने आया, जिसमें मुफ्ती कह रही हैं कि आर्टिकल 370 को निरस्त करने का फैसला हिरासत के दौरान उनके दिलो दिमाग पर छाया रहा. उन्होंने कहा कि वो फैसला बदलने के लिए लड़ेंगी.
फारूक-उमर ने की महबूबा मुफ्ती से मुलाकात
इस बीच जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती के घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की. ये दोनों भी आर्टिकल-370 के फैसले के बाद हिरासत में लिए गए थे बाद में इन्हें रिहा कर दिया गया था. मुलाकात के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुफ्ती ने ‘गुपकर घोषणा’ पर कल (15 अक्टूबर) होने जा रही एक मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए हामी भरी है.
पहले बयान में मुफ्ती ने क्या-क्या कहा?
इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने रिहा होने के बाद अपने पहले बयान में कहा कि "उस काले दिन में जो काला फैसला हुआ वो पूरी नजरबंदी के दौरान मेरे दिल और रुह पर वार करता रहा, जम्मू-कश्मीर में ज्यादातर लोगों की भावनाएं ऐसी ही रही होंगी, कोई भी व्यक्ति उस दिन की बर्बरता और अपमान को नहीं भूलेगा,"
उन्होंने कहा कि पिछले साल अगस्त में आर्टिकल 370 को रद्द करना एक अवैध और अलोकतांत्रिक फैसला था,
उन्होंने आगे कहा, "जम्मू और कश्मीर के लोगों को इस फैसले को पलटने और कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए सर्वसम्मति से लड़ना होगा, जिसने हजारों लोगों की जान ली, यह काम आसान नहीं है, लेकिन हमारी दृढ़ता हमें मार्गदर्शन देगी,"
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि देश भर की अलग-अलग जेलों में बंदी बनाए गए सभी लोगों को रिहा किया जाना चाहिए,
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