ADVERTISEMENTREMOVE AD

चुनावी नतीजों ने PM मोदी की नोटबंदी पर लगाई मुहर!

जनता ने निकाय चुनावों से लेकर विधानसभा चुनाव तक नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

पिछले साल 8 नवंबर को नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी का बेहद कड़ा फैसला किया. नोटबंदी के इस फैसले का विपक्षी पार्टियों ने जोरदार विरोध किया. फैसले को जनता के खिलाफ बताया गया और संसद से लेकर सड़क तक विरोध प्रदर्शन किया गया. हालांकि सरकार इस फैसले को हर बार कालेधन पर लगाम कसने वाला बताती रही और यह भी कहती रही की जनता समर्थन फैसले के साथ है.

अब 5 राज्यों के इन नतीजों ने भी सरकार के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है. रिकॉर्ड जनाधार और विपक्षी पार्टियों के सफाए ने साबित कर दिया कि नोटबंदी के फैसले को जनता ऐतिहासिक और बेहतर मान रही है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बीजेपी और विपक्ष, दोनों के लिए हथियार थी 'नोटबंदी'

महाराष्ट्र, गुजरात और ओडिशा के निकाय चुनाव से लेकर 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव तक राजनीतिक पार्टियों ने नोटबंदी को ही अपना हथियार बनाया. एक तरफ बीजेपी इसे जनता के हित वाला फैसला बताकर वोट मांग रही थी. दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां नोटबंदी को देश के लिए बेहद 'घातक' बताने में जुटी हुई थीं.

हर रैली, जनसभा यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी नोटबंदी को ही हथियार बनाया गया. मतलब साफ था कि इस चुनाव में नोटबंदी के फैसले पर ही चुनाव लड़ा जा रहा था. अब जनता ने निकाय चुनावों से लेकर विधानसभा चुनाव तक इस फैसले को सही ठहराया.

सर्जिकल स्ट्राइक को बीजेपी ने भुनाया

नोटबंदी के अलावा सर्जिकल स्ट्राइक के फैसले को भी बीजेपी ने बेहतर तरीके से भुनाया. बीजेपी लगातार कोशिश कर रही थी कि वो साबित करे कि बीजेपी के अलावा दूसरी पार्टियां सर्जिकल स्ट्राइक पर बेवजह सवाल खड़ा कर रही हैं. ऐसे में 'राष्ट्रभक्ति' की भावना वाले इस सर्जिकल स्ट्राइक के फैसले को जनता ने समर्थन दिया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वोट शेयर में भारी इजाफा फैसलों पर मुहर लगा रहा है

यूपी में वोट शेयर में रिकॉर्ड इजाफा

5 राज्यों के चुनावों में बीजेपी को वोट शेयर के लिहाज से भी काफी फायदा मिला है. जहां 2012 के चुनाव में बीजेपी को महज 15 फीसदी वोट मिले थे. इस चुनाव में रिकॉर्ड 39 फीसदी वोट के साथ बीजेपी इतिहास रचने जा रही है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उत्तराखंड में जबरदस्त 'लहर', हरीश रावत दोनों सीटों से हारे

बीजेपी के फैसले को उत्तराखंड में भी जबरदस्त समर्थन मिला है. 2012 के चुनाव में जहां बीजेपी को 33 फीसदी वोट मिले थे, इस बार 45 फीसदी वोट के साथ बीजेपी नंबर वन साबित हो रही है. उत्तराखंड में इस प्रकार का समर्थन एक रिकॉर्ड है. आपको बता दें कि कांग्रेस के सीएम हरीश रावत अपनी दोनों सीटें हार गए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मणिपुर : बिना आधार वाले राज्यों में भी मोदी-मोदी

2012 के चुनावों में मणिपुर में बीजेपी को महज 2.12 फीसदी वोट मिले थे. ये आकंड़ा इस चुनाव में बढ़कर 34 फीसदी तक पहुंच गया है. 32 फीसदी इजाफा ऐसे राज्य में जहां बीजेपी की जड़ मजबूत नहीं थी. साबित करती है कि मोदी सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी जैसे फैसलों को जनता ने हाथों हाथ लिया है

ADVERTISEMENTREMOVE AD

गोवा में बीजेपी के सीएम लक्ष्मीकांत पारसेकर की हार

गोवा में बीजेपी के सीएम लक्ष्मीकांत पारसेकर अपनी सीट गंवा चुके हैं. राज्य में बीजेपी-कांग्रेस दोनों बराबरी के मुकाबले पर चल रहे हैं. यहां पर भी बीजेपी को वोट शेयर के लिहाज से कोई नुकसान नहीं दिख रहा है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×