नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, अपनी पत्नी अर्जु देउबा के साथ आज दिल्ली पहुंच चुके हैं. एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पहुंची हैं. देउबा पांच दिन की यात्रा पर भारत आए हैं.
जून 2017 में प्रधानमंत्री बनने के बाद देउबा की यह पहली भारत यात्रा है. उनके साथ एक हाई लेवल डेलीगेशन भी भारत यात्रा पर है.
यात्रा के दौरान शेर बहादुर देउबा प्रेसीडेंट रामनाथ कोविंद और वाइस प्रेसीडेंट वेंकैया नायडू से भी मुलाकात करेंगे. इसके अलावा वे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
विदेश मंत्रालय के मीडिया सेंटर के मुताबिक, अधिकारिक स्थानों के अलावा पीएम देउबा, हैदराबाद, तिरूपति और बोधगया भी जाएंगे.
ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक तौर पर नेपाल हमेशा से ही भारत का करीबी रहा है. लैंड लॉक कंट्री होने के चलते नेपाल का ज्यादातर व्यापार भी भारत के रास्ते होता है.
चीन से बढ़ रही हैं नेपाल की नजदीकियां!
लेकिन पिछले कुछ समय में दोनों देशों के संबंधों में उतार चढ़ाव आया है. मधेशी मुद्दे पर नेपाल और भारत के संबंध काफी निचले स्तर तक चले गए थे. इस बीच चीन से भी नेपाल के संबंध बेहतर हो रहे हैं.
चीन, भारत को पछाड़ कर नेपाल को सबसे ज्यादा आर्थिक सहायता देने वाला देश बन गया है. वहीं चीन के ‘वन बेल्ट, वन रोड’ इनीशिएटिव में भी नेपाल ने काफी उत्सुकता दिखाई है. चीन के रास्ते नेपाल भारत से अलग एक दूसरा ट्रेड रूट बनाना चाहता है.
डोकलाम विवाद के बीच चीन के उप राष्ट्रपति पहुंचे थे नेपाल
चीन के उप राष्ट्रपति वांग-यांग 14 से 17 अगस्त तक तक नेपाल यात्रा पर थे. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी.
काठमांडू पोस्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच 16 बिलियन नेपाली रुपये के कोडारी हाईवे कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट पर एग्रीमेंट हुआ. कोडारी हाईवे नेपाल को चीन से जोड़ता है. दूसरा एग्रीमेंट टेक्नीकल सपोर्ट से संबंधित है. चीन, नेपाल को इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कई प्रोजेक्ट्स में इकोनॉमिकल और टेक्नीकल सपोर्ट देगा. चीन ने नेपाल बाढ़ से प्रभावित लोगों को 1 मिलियन डॉलर की मदद देने का भी ऐलान किया है.
इस बीच चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी नेपाल-चीन की बढ़ती करीबी पर एक आर्टिकल पब्लिश किया. इसमें कहा गया कि चीन नेपाल में लगातार इनवेस्टमेंट बढ़ा रहा है. वह नेपाल का सबसे बड़ा विदेशी निवेशक बन चुका है.
नेपाल से रिश्ते गहरे करने की कोशिश में भारत
देउबा की यात्रा के दौरान नेपाल और भारत के बीच दो अहम प्रोजेक्ट पर साइन हो सकते हैं. मेची नदी पर एक पुल बनाने को लेकर दोनों देशों को बीच एमओयू पर सहमति होने की गुंजाइश है.
भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने नेपाल के भदरपुर से गलगलिया बिहार को जोड़ने के लिए 0.675 किमी लंबा पुल बनाने का प्रस्ताव दिया है. इसकी अनुमानित कीमत 140 करोड़ के आसपास है.
वहीं 5600 मेगावॉट वाले पंचेश्वर पॉवर प्रोजेक्ट के विस्तार पर भी सहमति बनने की गुंजाइश जताई जा रही है. इस प्रोजेक्ट में भारत का जल संसाधन मंत्रालय 30000 करोड़ रुपये की लागत से भारत-नेपाल सीमा पर महाकाली नदी पर डैम बनाएगा.
नेपाल के साथ-साथ उत्तराखंड को इस प्रोजेक्ट से 13% बिजली मिलेगी. इस प्रोजेक्ट पर बीस साल पहले सहमति बनी थी. लेकिन तब से इस पर कोई विकास नहीं हुआ.
इससे पहले सुषमा स्वराज की नेपाल यात्रा में देउबा ने इस मुद्दे को उठाया था. इन एग्रीमेंट्स के जरिए भारत अपने स्वाभाविक दोस्त नेपाल से एक बार फिर रिश्ते सुधारने की कोशिश करेगा.
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