नई मोदी सरकार की कैबिनेट में नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड का कोई भी सांसद या नेता शामिल नहीं है. इसी बात को लेकर अब जेडीयू की नाराजगी सामने आने लगी है.
मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह से पटना लौट रहे नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीजेपी ने उनकी पार्टी को कैबिनेट में एक सीट देने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था. नीतीश ने कहा कि उनकी पार्टी को 'सांकेतिक भागीदारी' की जरूरत नहीं है.
नीतीश कुमार ने कहा:
“जब मुझे बताया गया कि एक सीट जेडीयू को दी जाएगी, तो मैंने कहा था कि हमें इसकी जरूरत नहीं है, लेकिन मैं अपनी पार्टी के लोगों से पूछूंगा. मैंने सभी से पूछा, उन सभी ने कहा कि यह उचित नहीं होगा कि हम सिर्फ प्रतीकात्मक भागीदारी दिखाएं, जबकि हम साथ हैं. हम एकसाथ हैं, परेशान नहीं.”
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार की मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को शपथ ली है. इसमें कुल 57 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है, जिसमें बीजेपी को छोड़ एनडीए के दूसरे दलों को सिर्फ चार कैबिनेट सीट मिली हैं.
नीतीश कुमार ने ये भी साफ किया कि उन्होंने मंत्रिमंडल में 3 सीट की मांग नहीं की थी.
नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा, “मैंने कुछ न्यूज रिपोर्ट देखी है, जिसमें ये कहा जा रहा है कि हमने 3 सीटों की मांग की थी, ये सरासर झूठ है. हमने ऐसी किसी भी सीट की मांग नहीं की थी.”
नीतीश ने शपथ से पहले ही ऑफर किया था नामंजूर
बता दें कि शपथ ग्रहण से पहले ही नीतीश कुमार ने कह दिया था कि उनकी पार्टी से कोई मंत्री नहीं बनेगा. उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने जो ऑफर सामने रखा था, वह उन्हें मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा कि वे एनडीए के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं.
जेडीयू के सीनियर लीडर केसी त्यागी ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी थी. उन्होंने कहा था, “सरकार में शामिल होने के लिए हमारी पार्टी को बीजेपी से आमंत्रण मिला था, लेकिन यह सांकेतिक प्रतिनिधित्व जैसा था. हम एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे.” उन्होंने कहा था कि इसे लेकर पार्टी में कोई नाराजगी नहीं है.
बता दें कि बिहार की 40 में 39 सीटों पर BJP-JDU-LJP गठबंधन ने कब्जा जमाया है. JDU ने 17, BJP 17 और LJP ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था. जेडीयू ने इनमें से 16 सीटों पर जीत हासिल की.
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