राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनीति का सबसे बड़ा 'पलटूराम' बताते हुए कहा कि उनसे बड़ा सत्ता का लालची कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी इस्तीफा दे भी देते, तब भी नीतीश भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ सरकार बना लेते.
लालू ने कहा कि नीतीश की पहले से ही बीजेपी के साथ 'सेटिंग' पहले से चल रही थी. उन्होंने कहा, "नीतीश पलटूराम हैं. इनका यही राजनीतिक चरित्र रहा है. इन्होंने अबतक न जाने कितने लोगों का दामन थामा है और कितनों को छोड़ा है. ये क्या हैं, यह सबको पता है."
लालू यादव मंगलवार को राजधानी पटना में नीतीश कुमार के आरोपों का जवाब देने के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे.
नीतीश के आरोपों पर लालू का जवाबः
- नीतीश को आगे बढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया
- मुझसे चंदन लगवाकर जाते थे नीतीश
- जेपी आंदोलन के वक्त नीतीश को आगे लाए
- नीतीश कहते हैं उन्होंने मुझे वोट दिलाया, झूठ बोलते हैं
- नीतीश ने न जाने कितनी बार पलटी मारी है
- छात्र आंदोलन में नीतीश का अता-पता भी नहीं था
- कल तक मोदी को कोसते थे और आज उनके नाम का जयकारा कर रहे हैं नीतीश
- विधानसभा चुनाव में हम चाहते तो नीतीश को 31 सीटों पर निपटा देते
- आरजेडी की परंपरागत सीटों पर इनके लोगों को लड़ाया
- इनको सौ सीटों तक पहुंचाने में कांग्रेस की सीट कम हो गईं
- नीतीश के मन में खोट था, उन्होंने हमारा इस्तेमाल किया
मुलायम सिंह के कहने पर नीतीश से जुड़ा
लालू ने कहा कि नीतीश का राजनीतिक चरित्र जगजाहिर है. उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार कहते हैं, ‘लालू ने हमको जहर कहा था, क्यों झूठ बोलते हो नीतीश कुमार. मैं नहीं चाहता था कि इसे (नीतीश कुमार) आगे खड़ा किया जाए. इस पर भरोसा नहीं था. लेकिन मुलायम सिंह यादव ने कहा मान लो. तब मैंने मुलायम सिंह से कहा कि आप ही घोषणा करो. वहां घोषणा हुई तब भी हमने यही कहा कि दंगाई और बलवाई, देश को बांटने वाली ताकतों को दूर रखने के लिए अगर हमें जहर भी पीना पड़ेगा तो पी लूंगा.’
नीतीश द्वारा खुद को 'कद्दावर नेता' कहे जाने पर पलटवार करते हुए लालू ने कहा, "अगर ये इतने ही कद्दावर नेता हैं, तो 2014 के लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर ही क्यों सिमट गए थे, हम तो चार सीट पर चुनाव जीते. कुछ सीटों पर कुछ ही वोटों से हारे."
तेजस्वी की लोकप्रियता से डरे नीतीश
लालू यादव ने नीतीश कुमार पर सत्ता का लालची होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘नीतीश हाथ जोड़कर यहां आए थे. हमारे लड़कों ने उनका आदर किया. नीतीश ने कहा कि हम लोग अब बूढ़े हो चले हैं. एक टर्म हमको दे दीजिए. अब इन लड़कों के लिए हम लोगों को राजनीति करनी है. जब हमने इनको सपोर्ट कर दिया और फिर जब इन्होंने तेजस्वी के काम को देखा उसकी सराहना सुनी तो वो चौकन्ने हो गए. नीतीश हमारे लड़कों का बलिदान देना चाहते थे, बलि चढ़ाना चाहते थे. सत्ता के लालची हैं नीतीश कुमार.’
आरजेडी चीफ ने कहा, "सच तो यह है कि नीतीश कुमार का कोई जनाधार ही नहीं है. बिना गठबंधन इनका काम ही नहीं चलता है. गठबंधन करना और कुछ दिन बाद धोखा दे देना, यही इनका रिकॉर्ड रहा है." नीतीश को 'चादर ओढ़कर घी पीने वाला नेता' बताते हुए लालू ने कहा कि नीतीश कितने बड़े सिद्धांतवादी, आदर्शवादी और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस वाले हैं, यह सबको पता चल गया है.
‘अपनी हैसियत भूल गए हैं नीतीश कुमार’
लालू ने कहा, 'नीतीश कहते हैं हमने अपना वोट ट्रांसफर किया. लालू यादव का वोट ट्रांसफर नहीं हुआ. वो कहते हैं कि उन्हीं के वोट से लालू यादव को 80 सीट मिली. भूल जाते हो नीतीश कुमार कि तुम्हारी हैसियत क्या थी. हम 1977 में लोकसभा चुनाव जीते. और नीतीश दो-दो बार विधायकी का चुनाव भी हार गए.’
नीतीश द्वारा सोमवार को खुद को 'मास बेस' का नेता बताए जाने पर लालू ने कहा, "अगर ऐसा ही है, तो वह पटना में आयोजित कुर्मी सम्मेलन में भाग लेने क्यों गए थे." लालू ने दावा किया कि आज तक उन्होंने कभी भी यादव सम्मेलन का न तो आयोजन किया है और न ही ऐसे आयोजनों में शामिल हुए हैं.
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