उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद से हिंदू युवा वाहिनी(हियुवा) की खास चर्चा है. साल 2002 में गोरखपुर से शुरू होने वाला ये संगठन अब पूरे प्रदेश में अपनी पैठ बनाने की कोशिश में जुटा है.
संगठन के प्रदेश कार्यालय प्रभारी पी के मल्ल के मुताबिक ''हियुवा पूर्वांचल में जहां गांव-गांव में सक्रिय हैं वहीं पश्चिमी यूपी के जिलों में ब्लॉक स्तर तक पहुंच चुकी है.''
1 साल के लिए लगी रोक
पी के मल्ल बताते हैं, योगी के सीएम बनने के बाद से ही संगठन से जुड़ने के लिए हर रोज करीब 5 हजार आवेदन आने लगे. मल्ल के मुताबिक आवेदनकर्ताओं में भारी संख्या में दूसरे राजनीतिक दलों के लोग भी शामिल हैं, जो महज वाहिनी का ‘संरक्षण’ पाने के लिए कार्यकर्ता बनने की कवायद में जुटे हैं. हालांकि मल्ल ने ये भी कहा कि हियुवा में कार्यकर्ताओं की नियुक्ति पर 1 साल की रोक लगा दी गई है. इस दौरान संगठन आवेदनकर्ताओं का बैकग्राउंड वेरिफिकेशन करेगा.
फिलहाल 2.5 लाख कार्यकर्ता
सीएम योगी आदित्यनाथ के हियुवा में करीब 2.5 से 3 लाख कार्यकर्ता काम कर रहे हैं. हियुवा को एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन के तौर पर पेश किया जाता है. जो मुख्य रूप से हिंदूओं के लिए काम करती है.
फिलहाल ये संगठन ‘दलित जोड़ो अभियान’ के तहत दलित समुदाय के लोगों का भरोसा जीतने पर काम कर रही है.
पूर्वांचल के अलावा पश्चिमी यूपी में सक्रिय हियुवा
हियुवा के मेरठ मंडल प्रभारी विवेक सिंह का कहना है कि संगठन पहले से ही पश्चिमी यूपी में सक्रिय है. लेकिन योगी जी के सीएम बनने के बाद कार्यकर्ताओं का उत्साह काफी बढ़ा है. ऐसे में हियुवा सह-भोज जैसे आयोजनों से ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहुंच रही है.
महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों में संगठन के प्रसार के सवाल पर हिंदू युवा वाहिनी ने कहा कि अभी संगठन का ऐसा कोई इरादा नहीं है.
छवि बदलने की कवायद !
हिंदू युवा वाहिनी का नाम अक्सर विवादों से भी घिरा रहता है. कभी चर्च में तोड़फोड़ के आरोप लगते हैं तो कभी लव जेहाद के नाम पर प्रेमी जोड़ों के पीटने के आरोप. ऐसे में योगी के सीएम बनने के बाद संगठन की कार्यशैली में बदलाव भी देखने को मिल सकती है.
क्विंट हिंदी से फोन पर बातचीत में हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों ने साफ किया कि संगठन किसी भी तरह की हिंसा में विश्वास नहीं रखता. पिछले दिनों पूर्वांचल के महराजगंज में चर्च में हुई तोड़फोड़ की घटना पर पी के मल्ल ने कहा कि संगठन के कार्यकर्ता तोड़फोड़ की घटनाओं में लिप्त नहीं हैं, कुछ लोग हियुवा को बदनाम करने के लिए ऐसी गतिविधियों को अंजाम देते हैं.
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