बिहार में 15 मई से 28 मई तक राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का काम होगा, इसकी घोषणा राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने शनिवार को की थी. इसके बाद अब जेडीयू ने इसे एकतरफा घोषणा बताते हुए खारिज करने की मांग की है. जेडीयू के महासचिव पवन वर्मा ने पार्टी अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार को लेटर लिखकर सीएए, एनपीआर और एनआरसी योजना को खारिज करने का अनुरोध किया है.
जेडीयू महासचिव पवन वर्मा ने आरोप लगाया कि यह भारत को बांटने और अनावश्यक सामाजित अशांति को पैदा करने का नापाक एजेंडा है.
कुमार को लिखे खुले लेटर में वर्मा ने बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी की 'एकतरफा' घोषणा पर हैरानी जताई कि राज्य में 15 मई से 28 मई के बीच राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का कार्य होगा जबकि, नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ हैं.
‘सार्वजनिक रूप से दिए गए आपके विचारों और लंबे समय से चले आ रहे धर्मनिरपेक्ष नजरिए को देखते हुए क्या मैं आपसे अनुरोध कर सकता हूं कि आप सीएए-एनपीआर-एनआरसी योजना के खिलाफ सैद्धांतिक रुख लें और भारत को बांटने और अनावश्यक सामाजिक अशांति पैदा करने के नापाक एजेंडा को खारिज करें’’पवन वर्मा, महासचिव, जेडीयू
‘राजनीतिक लाभ के लिए सिद्धातों की बलि सही नहीं’
नीतीश कुमार को लिखे गए लेटर में वर्मा ने कहा, एनपीआर, एनआरसी और सीएए के संबंध में आपका स्पष्ट सार्वजनिक बयान भारत के विचार को संरक्षित करने एवं मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. मैं जानता हूं कि आप खुद प्रतिबद्ध हैं. थोड़े समय के राजनीतिक लाभ के लिए सिद्धांत की राजनीति को बलि नहीं चढ़ाया जा सकता.
अपने लेटर में वर्मा ने कहा कि सीएए-एनआरसी का संयुक्त रूप हिंदू-मुस्लिमों को बांटने और सामाजिक अस्थिरता पैदा करने का सीधा प्रयास है.
बता दें , जेडीयू के अंदर सीएए, एनआरसी को लेकर पहले ही बयानबाजी हो चुकी है. जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने भी सीएए और एनआरसी के खिलाफ बयान दिया था. इस मामले में उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात कर अपनी बात रखी थी. हालांकि, मुलाकात के बाद उन्होंने कहा नीतीश कुमार ने कहा है कि, एनआरसी के साथ सीएए के विरूद्ध हैं. वहीं, एनपीआर की घोषणा के बाद अब पवन वर्मा इसे खारिज करने की मांग कर रहे हैं.
इनपुट भाषा से भी
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