असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के लिए एक नई लिस्ट जारी की गई है. एनआरसी ड्राफ्ट में छूट पाने वाले करीब 1 लाख से ज्यादा लोगों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है. ये सभी वो लोग हैं जिन्हें इस लिस्ट में शामिल होने के लिए अयोग्य पाया गया था. अब इन 1,02,462 लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए मौका दिया जाएगा. इन सभी लोगों का नाम उस एनआरसी लिस्ट में शामिल किया गया था, जिसे जुलाई 2018 में रिलीज किया गया.
पिछले साल एनआरसी ड्राफ्ट जारी किया गया था, जिसमें असम के करीब 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए थे. ड्राफ्ट जारी होने के बाद इस मामले को लेकर खूब राजनीतिक बवाल हुआ था और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए गए थे
एनआरसी को लेकर इस नई लिस्ट के लिए एक प्रेस रिलीज जारी की गई है. लिस्ट में वो लोग शामिल हैं जो खुद की नागरिकता को साबित नहीं कर पाए थे. जिसके बाद उन्हें एनआरसी लिस्ट के लिए अयोग्य पाया गया. जिसके बाद ऐसे लोगों की एक लिस्ट तैयार की गई. अगर अब वो खुद की नागरिकता साबित नहीं कर पाते हैं तो उन्हें नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा.
11 जुलाई को मिलेगा मौका
अब सरकार एक बार फिर उन लोगों को मौका देगी जिनका नाम एनआरसी लिस्ट में शामिल नहीं किया गया था. ऐसे लाखों लोगों को उनके आवासीय पते पर लेटर भेजे जाएंगे और उन्हें 11 जुलाई को एनआरसी सेवा केंद्रो पर अपनी नागरिकता और दावे पेश करने का मौका दिया जाएगा. सरकार ने प्रेस रिलीज में कहा है कि 31 जुलाई को एनआरसी को अंतिम रूप देने से पहले सभी लोगों के दावों को सुना जाएगा.
बता दें कि असम में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एनआरसी का काम चल रहा है. इसके लिए सरकार की तरफ से 31 जुलाई को अंतिम लिस्ट जारी की जाएगी. एनआरसी लिस्ट जारी होने पर राजनीतिक घमासान फिर शुरू होने के आसार हैं. पिछले कुछ सालों में कई ऐसे मामले आए हैं, जिनमें भारतीय सेना और सरकारी नौकरियों में सेवा दे चुके लोगों को भी विदेशी घोषित कर दिया गया था.
ढलाई बिल सोनितपुर की रहने वाली अमिला शाह को विदेशी घोषित कर 15 जून को डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया था. उनके बेटे का कहना है कि मेरी मां ने तेजपुर कोर्ट में सभी दस्तावेज जमा करवाए थे, लेकिन इसके बाद भी उन्हें विदेशी घोषित कर दिया गया और डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया. ऐसे ही कई और लोग भी आरोप लगा चुके हैं.
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