बीजेपी की वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे पार्टी इकाई की कोर कमिटी की बैठक से नदारद रहीं. पंकजा इस बैठक में ये बोलकर शामिल नहीं हुईं कि उन्हें 12 दिसंबर को बीड के गोपीनाथगढ़ में होने वाले अपने भाषण की तैयारियों का काम देखना है. अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री, दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर हर साल जनसभा करने वाली मुंडे बीजेपी की मंडल स्तर की बैठकों से भी गायब रही हैं. जिससे एक बार फिर उनके पार्टी छोड़ने की खबरों को हवा मिली है.
पंकजा मुंडे सोमवार को औरंगाबाद में हुई पार्टी की क्षेत्रीय स्तर की बैठक में भी शामिल नहीं हुईं थीं. हालांकि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि वह “अस्वस्थ” थीं, इसलिए इसमें हिस्सा नहीं ले पाईं.
बीजेपी से तनातनी की खबरें
पंकजा मुंडे की तरफ से बताया गया कि वो मंगलवार को मुंबई में हुई प्रदेश बीजेपी की कोर कमिटी की बैठक में इस आधार पर शामिल नहीं हुईं कि वह 12 दिसंबर को बीड में गोपीनाथगढ़ में होने वाली अपनी रैली की तैयारियों में व्यस्त हैं. मुंडे अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में परली सीट पर अपने चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे से हार गई थीं और ऐसी अफवाह है कि वह बीजेपी के साथ खुश नहीं हैं.
ट्विटर से हैंडल से हटाया था BJP
पंकजा मुंडे ने हाल ही में अपने ट्विटर हैंडल से बीजेपी हटा लिया था. जिसके बाद उनके शिवसेना में शामिल होने के कयास लग रहे थे. इसके बाद पंकजा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि 12 दिसंबर को गोपीनाथ मुंडे की पुण्यतिथि पर सभी समर्थकों से निवेदन है कि वे बैठक में शामिल हों. उन्होंने कहा था कि बदलते सियासी माहौल में अपनी ताकत पहचानने की जरूरत है, 8-10 दिन के भीतर ही बड़ा फैसला लूंगी. जिसके बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि गुरुवार तक पंकजा मुंडे कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)