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तमिलनाडु : शशिकला से मिल सकते हैं गवर्नर, अब बचे हैं ये 7 रास्ते

तमिलनाडु का राजनीतिक मामला और भी गंभीर होता दिख रहा है, सब जानना चाह रहे हैं कि अब आगे क्या होगा?

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तमिलनाडु का संकट बेहद नाटकीय मोड़ पर आ गया है. इस बीच खबर है कि गवर्नर सी विद्यासागर राव आज चेन्नई पहुंचेंगे. इस दौरान शशिकला आैर राज्यपाल की मुलाकात की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं. फिलहाल तो तमिलनाडु का राजनीतिक मामला और भी गंभीर होता दिख रहा है, सब जानना चाह रहे हैं कि प्रदेश की सियासत में आगे क्‍या होगा?

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क्या राष्ट्रपति शासन की संभावना है?

राज्यपाल विधानसभा भंग करने या निलंबित करने और राष्ट्रपति शासन की घोषणा करने का फैसला कर सकते हैं. अगर ऐसा नहीं होता है, तो भी कई दूसरी संभावनाएं हैं.

क्या पन्नीरसेल्वम अपना इस्तीफा वापस लेंगे?

क्या पन्नीरसेल्वम अपना इस्तीफा वापस लेंगे? अगर वो ऐसा करते हैं तो क्या सरकार इसके लिए तैयार होगी? क्या इस्तीफा वापस लेना मान्य होगा.

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह संभव तो नहीं कि वो अपना इस्तीफा वापस ले पाएं. लेकिन अगर पन्नीरसेल्वम कह रहे हैं कि उन्होंने दबाव में इस्तीफा दिया है और सदन में उन्हें बहुमत मिल जाता है, तो तस्‍वीर दूसरी हो सकती है.

मतलब, अगर राज्य में असामान्य राजनीतिक परिस्थितियों के कारण राज्यपाल पन्नीरसेल्वम के इस्‍तीफा वापस लेने की स्‍थ‍िति को स्वीकार करते हैं, तो पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री के रूप में वापसी कर सकेंगे.

शशिकला क्या कर सकती हैं?

सवाल ये भी है कि अब शशिकला की क्या प्रतिक्रिया होगी?

दो संभावनाएं बनती हैं. पहला ये कि वो पन्नीरसेल्वम के साथ खुलेआम राजनीतिक बगावत करें और राज्य में चौतरफा राजनीतिक संघर्ष का रास्ता साफ कर दें. दूसरा ये कि वो पन्नीरसेल्वम के पक्ष में जाकर अपने लिए सहानुभूति हासिल करें.

फिलहाल ऐसा शायद ही हो पाए, क्योंकि पन्नीरसेल्वम पार्टी से निलंबित किए जा चुके हैं.

पन्नीरसेल्वम को कितने विधायकों के साथ का दावा पेश करने की जरूरत है?

मुख्यमंत्री को बहुमत के लिए 117 विधायकों के साथ की जरूरत होगी. पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के बाद सदन में 233 सदस्य हैं.

अगर शशिकला पन्नीरसेल्वम के साथ राजनीतिक लड़ाई चाहती हैं तो उन्हें सदन में अपनी ताकत दिखानी होगी. फ्लोर टेस्ट ही आगे की दशा-दिशा तय करेगा. ये सब साथ देने वाले विधायकों की संख्या पर टिका है.

शशिकला की लोकप्रियता फिलहाल ज्यादा नहीं है, जबकि पन्नीरसेल्वम एक हीरो की तरह उभरे हैं. विधायक उनके साथ जाना चाहेंगे. भले ही इसके पीछे राज्य की भलाई की मंशा न हो, लेकिन अपनी जाॅब सिक्योरिटी के लिए वो जरूर ऐसा करेंगे. एआईएडीएमके का कोई विधायक अभी चुनाव नहीं चाहेगा.

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मौजूदा सरकार के साथ क्या होगा?

चूंकि राज्यपाल ने पन्नीरसेल्वम कैबिनेट को वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने को कहा है, इसलिए ये सरकार काम करती रहेगी.

शशिकला पन्नीरसेल्वम को पार्टी से निष्कासित कर सकती हैं?

पार्टी महासचिव होने के नाते, वह ऐसा कर सकती हैं. हालांकि जब तक कोई नया मुख्यमंत्री नहीं बनता, पन्नीरसेल्वम कार्यकारी मुख्यमंत्री हैं.

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दलबदल विरोधी कानून आ सकता है?

फिलहाल कोई विधायक दलबदल विरोधी कानून के तहत पार्टी नहीं बदल सकता है, हालांकि पार्टी के दो-तिहाई विधायक अगर चाहें तो किसी दूसरी पार्टी के साथ जा सकते हैं. चूंकि एआईएडीएमके में 135 सदस्य हैं, इसलिए कोई भी कदम उठाने के लिए कम से कम 90 सदस्यों की जरूरत होगी.

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