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मोदी ने करतारपुर साहिब, 1984 दंगों को लेकर कांग्रेस पर बोला हमला

1984 दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए थे.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने बंटवारे के दौरान करतारपुर साहिब को भारत की सीमा में न ला सकने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर जोरदार हमला बोला. सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के मौके पर एक स्मारक सिक्का जारी करते हुए मोदी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए भी कांग्रेस की आलोचना की.

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में दिल्‍ली में दंगे हुए थे.

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करतारपुर साहिब गलियारे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारे को देखने के लिए अब दूरबीन का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा और वो गलियारे के रास्‍ते बिना वीजा के वहां जा सकते हैं.

तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए मोदी ने कहा:

अगस्त 1947 में एक गलती हुई थी. ये (गलियारा) उसी गलती का हर्जाना है. हमारे गुरु का महत्त्वपूर्ण स्थान कुछ ही किलोमीटर दूर था. लेकिन इसे हिस्सा (बंटवारे के दौरान भारत का) नहीं बनाया जा सका.. ये गलियारा उस क्षति को कम करने की कोशिश है.

'केंद्र सरकार दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने की कर रही है कोशिश'

गुरु नानकदेव का निधन 22 सितंबर, 1539 को करतारपुर में हुआ था. कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व चीफ जस्टिस जेएस खेहर और कई सिख नेता प्रधानमंत्री के निवास पर मौजूद थे. मोदी ने कहा कि चाहे वो गुरु नानक हों या गुरु गोविंद सिंह, उन्होंने हमें न्याय का पक्षधर बनना सिखाया.

प्रधानमंत्री ने कहा, “केंद्र सरकार 1984 से शुरू हुए अन्याय के लिए न्याय दिलाने की कोशिश कर रही है. दशकों तक, मांओं, बहनों, बेटियों और बेटों ने आंसू बहाए, कानून न्याय दिलाएगा, उनके आंसू पोंछेगा.”

गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के मौके पर मोदी ने 350 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया. उन्होंने खालसा पंथ के संस्थापक को एक योद्धा और एक कवि बताया, जिनके पास धार्मिक ग्रंथों की अथाह जानकारी थी. मोदी ने कहा कि सरकार अब देशभर में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती मनाने की योजना बना रही है.

इनपुट: भाषा

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