प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कश्मीर के मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि वो कश्मीर को लेकर उसी रास्ते पर चल रहे हैं, जिस रास्ते को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनाया था.
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी और शहीद चंद्रशेखर आजाद के गांव भाबरा (अलीराजपुर, मध्य प्रदेश) में अपने भाषण के दौरान यह बात कही. उन्होंने आजादी के 70 साल पूरे होने पर ‘याद करो कुर्बानी’ नाम के प्रोग्राम की शुरुआत की. केंद्र सरकार इसका आयोजन करने वाली है, जिसका मकसद ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के 74 साल पूरे होने पर समारोह मनाना भी है.
इस मौके पर पीएम मोदी ने एक रैली को भी संबोधित किया, जिसका फोकस मुख्य रूप से कश्मीर पर रहा.
पीएम मोदी ने कहा…
- कश्मीर शांति चाहता है. अपनी जीविका में सुधार के लिए कश्मीरी जो भी चाहते हैं, केंद्र सरकार उनकी मदद करेगी. हम कश्मीर का विकास चाहते हैं.
- मैं कांग्रेस पार्टी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने कश्मीर के मुद्दे से निपटने के लिए बहुत मैच्योर ढंग से व्यवहार किया.
- हम सभी लोग कश्मीर की बात आने पर अटल बिहारी वाजपेयी के रास्ते पर चलते हैं.
- हर भारतीय कश्मीर से प्यार करता है और कश्मीर जाना चाहता है. लेकिन कुछ लोग उसे बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं.
- हर कश्मीरी एक भारतीय की तरह आजादी का हकदार है. हम कश्मीर के सभी युवकों के लिए भी उज्ज्वल भविष्य चाहते हैं.
- मुझे तकलीफ है कि जिन जवान हाथों में लैपटॉप, किताब और बैट होने चाहिए, मन में बड़े सपने होने चाहिए, उनके हाथ में पत्थर हैं.
- हम महबूबा मुफ्ती की जम्मू-कश्मीर की सरकार हो या फिर केंद्र सरकार, विकास के जरिए सभी समस्याओं का समाधान तलाश रहे हैं.
एक दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा था कि कश्मीर के लोगों का दिल जीतने और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए उन्हें वही करना चाहिए, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था.
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