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"भारत अब रुकना नहीं चाहता, नए लक्ष्य निर्धारित करना चाहता है"- सेंट्रल हॉल से PM मोदी

आज नए संसद भवन में हम नए भविष्य का श्रीगणेश कर रहे हैं- PM मोदी

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"भारत अब रुकना नहीं चाहता, नए लक्ष्य निर्धारित करना चाहता है"- सेंट्रल हॉल से PM मोदी
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भारत की आजादी की गवाह रही पुरानी संसद से आज, 19 सितंबर को सभी संसद सदस्य विदाई लेंगे और अपनी यादों को समेटे नए संसद भवन में प्रवेश करेंगे. सभी संसद सदस्यों ने पुरानी संसद के आखिरी पल को एक ग्रुप फोटो सेशन के जरिए कैमरे में कैद करवाया. इस दौरान पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं.

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पीएम मोदी ने कहा कि 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया, उस प्रक्रिया का साक्षी ये सेंट्रल हॉल. यहीं भारतीय तिरंगे और राष्ट्रगान को अपनाया गया. ये सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है, ये हमें भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्यों के लिए प्रेरित भी करता है.

"1952 में करीब 42 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में संबोधित किया है. हमारे राष्ट्रपति महोदयों द्वारा 86 बार संबोधित किया गया. दोनों सदनों ने मिलकर करीब 4000 कानून पास किए. आर्टिकल 370 हटाने से लेकर, ये विषय ऐसा रहा कि शायद ही कोई दशक होगा जिसमें इसपर चर्चा न हुई हो, लेकिन इस सदन में हमें इससे मुक्ति पाने का मौका मिला."
पीएम मोदी

पीएम मोदी ने सेंट्रल हॉल के भाषण में कहा कि..

"लाल किले से मैंने कहा था यही समय है, सही समय है. एक के बाद एक घटनाओं की तरफ हम नजर करेंगे तो हर घटना इस बात की ओर इशारा कर रही है कि भारत एक नई चेतान के साथ जाग्रत हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश जिस दिशा में चल पड़ा है इच्छित परिणाम जरूर प्राप्त होंगे."

पीएम मोदी ने आगे कहा कि "आज भारत पांचवी अर्थव्यवस्था पर पहुंचा है, लेकिन पहले तीन में पहुंचने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है. दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप 3 में पहुंच कर रहेगा."

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि...

"अब छोटे-छोटे सपनों से काम नहीं चलेगा. बड़े-बड़े सपने देखते हुए विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना सकें. हम सबसे बड़ी आबादी वाला देश तो बने ही हैं लेकिन सबसे बड़ी आबादी में सबसे ज्यादा युवा ये पहली बार हुआ है. अब भारत का युवा दुनिया की पहली पंक्ति में नजर आना चाहिए."

उन्होंने आगे कहा कि "हम राजनीतिक लाभ के लिए कड़े फैसले टाल नहीं सकते. इन्हें लेना ही होगा. भारत अब रुकना नहीं चाहता, नए लक्ष्य निर्धारित करना चाहता है. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत के नौजवानों का ध्यान विज्ञान की ओर बढ़ रहा है और इस मौके के हमें गंवाना नहीं है."

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