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PM मोदी ने की NCP-BJD की तारीफ, राज्यसभा में भाषण की 10 बड़ी बातें

पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद के 250वें सत्र को किया संबोधित

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संसद के 250वें सत्र के शुरू होने के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में भाषण दिया. उन्होंने कहा कि 250 सदन की यात्रा में योगदान देने वालों का अभिनंदन करता हूं. उन्होंने कहा कि आज सदन अपने आप में गौरव अनुभव कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि इस सदन में कई ऐतिहासिक पल आए हैं. इस सदन ने इतिहास बनाया है और इतिहास को देखा है.

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PM मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें

  1. भारत के विकास के लिए राज्यसभा को सपोर्टिव हाउस बने रहना चाहिए. अटल जी ने संसदीय प्रणाली के 50 साल होने पर कहा था- एक नदी का प्रवाह तभी तक अच्छा रहता है जब तक उसके किनारे मजबूत रहते हैं. एक किनारा लोकसभा है दूसरा किनारा राज्यसभा, ये दोनों मजबूत रहेंगे तभी लोकतांत्रिक प्रवाह आगे बढ़ेगा.
  2. हमारे देश में आरक्षण को लेकर हर पल संघर्ष के बीज बोए गए, लेकिन ये गर्व की बात है कि इसी सदन में गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान बनाया गया. जीएसटी को लेकर भी इस सदन में सर्वसम्मति बनी.
  3. धारा 370 का जो वादा किया गया था, वो इसी सदन में पूरा किया गया. सदन इस बात के लिए भी याद किया जाएगा कि इसी सदन में आर्टिकल 370 पेश किया गया था, लेकिन इसी सदन में उसे खत्म कर दिया गया.
  4. देश में केंद्र और राज्य सरकारें प्रतिद्वंदी नहीं हैं, लेकिन हम साथ मिलकर देश को आगे बढ़ाने का काम करते हैं. यहां से लोग कई बातें अपने राज्यों में लेकर जाते हैं. देश का विकास और राज्य का विकास अलग नहीं हैं.
  5. 200वें सत्र में अटल जी ने कहा था कि हमारे संसदीय लोकतंत्र की शक्ति बढ़ाने के लिए सेकेंड चेंबर मौजूद है. उन्होंने चेतावनी दी थी कि सेकेंड हाउस को कोई सेकेंडरी हाउस बनाने की गलती न करें.
  6. एनसीपी और बीजेडी की विशेषता है कि उन्होंने तय किया है कि वेल नहीं जाएंगे. इसका पालन करने के बाद भी एनसीपी और बीजेडी की राजनीति में बदलाव नहीं आया है. हमें इन दोनों पार्टियों से सीखना चाहिए.
  7. पिछले 5 साल का समय देखें तो यही सदन है जिसने तीन तलाक का बिल पास करके महिला सशक्तिकरण का बहुत बड़ा काम किया.
  8. हमारे देश में एक लंबा कालखंड ऐसा था जब विपक्ष जैसा कुछ खास नहीं था. उस समय शासन में बैठे लोगों को इसका बड़ा लाभ भी मिला. लेकिन उस समय भी सदन में ऐसे अनुभवी लोग थे जिन्होंने शासन व्यवस्था में निरंकुशता नहीं आने दी. ये हम सबके लिए स्मरणीय है.
  9. अनुभव कहता है संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी वो कितनी उपयुक्त रही है. कितना अच्छा योगदान इसने दिया है. जहां निचला सदन जमीन से जुड़ा है, तो उच्च सदन दूर तक देख सकता है.
  10. भारत की विकास यात्रा में निचले सदन से जमीन से जुड़ी चीजों का प्रतिबिंब झलकता है, तो उच्च सदन से दूर दृष्टि का अनुभव होता है

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