ADVERTISEMENTREMOVE AD

BJP नेता ने दिया संकेत, कश्मीर में जल्द हटेगी नेताओं की नजरबंदी

जम्मू-कश्मीर की राजनीति पर खुलकर बोले बीजेपी नेता राम माधव

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटे सौ से ज्यादा दिन बीत चुके हैं. लेकिन केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर में हालात अब भी तनावपूर्ण हैं. राज्य के बड़े नेताओं को नजरबंद रखा गया है. इस सबके बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने संकेत दिए हैं कि कश्मीर के नेताओं की नजरबंदी जल्द हट सकती है.

राम माधव ने कहा है कि वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में "जल्द से जल्द" में राजनीतिक व्यवस्था बहाल होने के पक्ष में हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
जो सवाल उठ रहे हैं कि दिल्ली में नए राजनीतिक वर्ग पैदा किए जा रहे हैं, इस तरह की चीजें हमारी तरफ से नहीं हो रही हैं. हमारे दिल में घाटी की अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के लिए सम्मान है. जल्द से जल्द, वे अपनी राजनीतिक गतिविधि फिर से शुरू करेंगे.
राम माधव, बीजेपी नेता 

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा, "मैं इसके बारे में (घाटी में राजनीतिक गतिविधि शुरू करने) अपनी पार्टी से भी बात कर रहा हूं. उम्मीद है कि हम इसके बारे में कुछ कर पाएंगे."

‘कश्मीरी नेता जब भी नजरबंदी से निकलेंगे विरोध प्रदर्शन करेंगे’

राम माधव से जब ये पूछा गया कि सरकार कश्मीरी नेताओं की नजरबंदी खत्म क्यों नहीं कर रही है. इस पर उन्होंने कहा कि सरकार अपनी रुख बताए या न बताए. लेकिन, "इसमें कोई संदेह नहीं है" कि ये नेता जिस दिन बाहर होंगे वे निश्चित रूप से विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करेंगे.

उन्होंने कहा, "हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनका विरोध लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण होना चाहिए. यह अपेक्षित है. ये कोई नहीं कह रहा है कि कोई विरोध नहीं होना चाहिए. यह लोकतंत्र है, विरोध होगा."

इस संबंध में दिल्ली या श्रीनगर में सुरक्षा को लेकर क्या प्लानिंग हो सकती हैं, इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा, "राजनीतिक गतिविधियों को जल्द ही फिर से शुरू करने की जरूरत है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘हम चाहते हैं कि घाटी में नए नेता आगे आएं’

बीजेपी नेता राम माधव ने कहा, ‘चाहे उमर अब्दुल्ला हों या महबूबा मुफ्ती, एक बार उन्हें वापस आने और अपनी राजनीतिक गतिविधि को बहाल करने का मौका मिला है, मुझे यकीन है कि राज्य की राजनीति में उनकी भूमिका निश्चित रूप से होगी. लेकिन, नए नेतृत्व का उदय एक सतत प्रक्रिया है.’

उन्होंने कहा कि यह देश के बाकी हिस्सों में होता है, यह दिल्ली के स्तर पर होता है. इसलिए, हम घाटी के निचले स्तर से आने वाले नए नेताओं के पक्ष में हैं.

बता दें, बीते 5 अगस्त को आर्टिकल 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत घाटी के बड़े नेताओं को नजरबंद रखा गया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×