चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए PMO के ऐलान पर सवाल उठाए हैं. प्रशांत किशोर का कहना है कि जब बच्चों को तुरंत मदद की जरूरत है, ऐसे समय में मोदी सरकार सिर्फ वादे किए जा रही है. उनका कहना है कि सरकार की तरफ से ऐसी प्रतिक्रिया दिखाती है कि चीजों को सही तरह से हैंडल नहीं किया जा रहा है.
प्रशांत किशोर ने ली 18 साल पूरे होने के बाद मिलने वाले भत्ते पर चुटकी
उन्होंने मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए लिखा, मोदी सरकार की ओर से एक और टिपिकल मास्टरस्ट्रोक. इस बार कोविड की वजह से तबाह हो चुके बच्चों के लिए नए तरीके से हमदर्दी और देखभाल को परिभाषित किया गया है. ये विनाशकारी है और चीजों को ठीक से हैंडल न कर पाना दिखाता है.
पीएम केयर्स मदद की घोषणा वाली एक प्रेस रिलीज का हवाला देते हुए उन्होंने कटाक्ष किया है- ''बच्चों को अभी बहुत जरूरी सपोर्ट मिलने के बजाय, इस बात के लिए खुश होना चाहिए कि उन्हें 18 साल की उम्र का हो जाने के बाद सरकार की ओर से स्टाइपेंड मिलेगा.''
उन्होंने आगे लिखा कि ''पीएम केयर्स की ओर से दी जाने वाली उस मुफ्त शिक्षा के लिए आभारी रहें, जो पहले से ही संविधान/शिक्षा के अधिकार की ओर से हर बच्चे को मिलना जरूरी है.''
बेड और ऑक्सीजन की कमी पर भी ली चुटकी
प्रशांत किशोर ने देश में महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के समय हुई ऑक्सीजन की कमी पर भी पीएमओ पर कटाक्ष किया. उन्होंने पीएमओ को ‘धन्यवाद’ कहते हुए लिखा कि ''आयुष्मान भारत में नामांकित होने के आश्वासन के लिए @PMOIndia को धन्यवाद. जिसे लेकर ऐसा माना जाता है कि देश के करीब 50 करोड़ लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करता है. लेकिन जब जरूरत होती है उस समय न तो बेड उपलब्ध करा पाता है और न ही ऑक्सीजन.''
पीएम केयर्स की ओर से पेश की गईं कौन सी योजनाएं?
प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए पीएम केयर फंड से कई योजनाओं का ऐलान किया है. जिसके तहत कोरोना की वजह से अनाथ हो चुके बच्चों को 18 साल का होने पर मासिक भत्ता दिया जाएगा और 23 साल की उम्र पर पहुंचने पर पीएम केयर्स फंड की ओर से 10 लाख रुपए भी दिए जाएंगे. इसके अलावा इन अनाथ बच्चों को 18 साल की उम्र तक मुफ्त हेल्थ इंश्योरेंस भी दिया जाएगा और हायर एजूकेशन के लिए लोन दिलाने में मदद की जाएगी.
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